गुना में युवती के साथ दरिंदगी के आरोपी का घर रविवार सुबह बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया. प्रशासन के साथ पुलिस ने भी नानाखेड़ी पहुंचकर कार्रवाई की. शुक्रवार को टीम ने जांच की थी. मकान अतिक्रमण कर बना पाया गया था.
हैवानियत की शिकार हुई युवती की एक आंख की रोशनी चली गई है. दूसरी आंख से भी धुंधला दिखाई दे रहा है. शनिवार को पुलिस ने युवती के न्यायालय में बयान दर्ज कराए. चूंकि, उसकी आंख में अधिक चोट है, इसलिए शनिवार शाम आंख के ऑपरेशन के लिए गुना जिला अस्पताल से ग्वालियर रेफर कर दिया गया.
एसडीएम रवि मालवीय ने बताया कि 15 बाय 25 का मकान सरकारी जमीन पर बना था. कार्रवाई से पहले नोटिस भी दिया गया था. इसका कोई जवाब नहीं मिला. ASP मानसिंह ठाकुर ने बताया कि एक कमरे के पूरे मकान को तोड़ा गया है. आरोपी जेल में है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिलाष सिंह राजपूत ने बताया, ‘एक आंख का लैंस टूट गया है. इसके पीछे वाले पर्दे में क्या स्थिति है और क्या-क्या चोट है, अल्ट्रासाउंड कराने के बाद ही पता चलेगा. रौशनी लौटेगी या नहीं, यह तो पूरी जांच होने के बाद ही कहा जा सकता है.’
युवती ने बताया, ‘आरोपी अयान पठान ने उसकी आंख पर चार-पांच दिन पहले मारपीट करते हुए झाड़ू के पीछे वाले हिस्से से हमला किया था, जिससे काफी चोट लग गई. इसके बाद उसी आंख में दोबारा पत्थर से मारा.’ आरोपी अयान पठान ने युवती को एक महीने तक बंधक बनाकर यातनाएं दी थीं. शारीरिक शोषण के साथ 18 अप्रैल की रात उसके जख्मों पर मिर्च पाउडर और होंठ में फेवीक्विक भर दी थी, जिससे वह चिल्ला न सके. आरोपी युवती का मकान अपने नाम कराना चाहता था. युवती की मां का कहना है कि आरोपी को फांसी की सजा हो.
_चार दिन बीत गए. बेटी के जख्म अब तक नहीं भरे. कुछ खाना-पीना तो दूर, वह ठीक से लेट तक नहीं पा रही. नींद में जाग जाती है. दवाओं से धीरे-धीरे शरीर के जख्म तो भर रहे हैं, मगर हमारी जिंदगी का यह जख्म कौन भरेगा? उसे एक आंख से दिखना बंद हो गया, दूसरी से भी कम ही देख पा रही है. डॉक्टर ने कहा था कि आंख की रोशनी लौटने की 10 प्रतिशत उम्मीद है. मैंने अपनी बेटी को बड़ी हसरत से पाला. अब उसके एक-एक जख्म का जवाब चाहिए. आरोपी अयान को फांसी की सजा हो_
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने X एकाउंट पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘गुना की बेटी के साथ बर्बरता का समाचार विचलित कर देने वाला है. अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि कोई हैवान हमारी बहन-बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ न कर सके.’