राजनांदगांव : जिले के डोंगरगढ़ में स्थित खालसा पब्लिक स्कूल में भगवान को दर्जा दिए जाने वाले गुरु के करतूत ने पूरे शिक्षक समाज पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है.स्कूल में शिक्षिका ने बच्चे को ऐसा मारा कि पीड़ित छात्र सीधा अस्पताल में भर्ती हो गया.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
वी ओ: पूरा मामला बीते 2 जुलाई का है जहां 13 वर्षीय छात्र सार्थक सहारे रोज की तरह शिक्षा ग्रहण करने खालसा पब्लिक स्कूल गया था लेकिन किसे पता था कि इस दिन के बाद से उसकी जिंदगी बदल जाएगी की कक्षा 7 वीं की सामाजिक विज्ञान विषय की शिक्षिका ने बच्चो को किताब निकलने कहा जिसे सार्थक सहारे नहीं सुन पाया और शिक्षिका से दुबारा सवाल पूछ लिया जो शिक्षिका को नागवार गुजरा शिक्षिका ने सार्थक को 3-4 थप्पड़ जड़ दिए जिससे उसके दोनों कानों के नश क्षतिग्रस्त हो चुकी है.
मेडिकल रिपोर्ट की माने तो थप्पड़ पड़ने से सार्थक की कानों की नश में चोट लगने के कारण उसके सुनने की क्षमता में अचानक कमी आई है डॉक्टर ने ऑक्सीजन थेरेपी और स्ट्राइड द्वारा इलाज शुरू किया ताकि नश डैमेज को ठीक किया जा सके ऑडियोग्राम में सार्थक की सुनने की क्षमता कमजोर दिखाई दे रही है.
वही सार्थक के पिता की माने तो सार्थक के इलाज में प्रतिदिन 2500 रुपए एचबीओटी देना है तो वह सुरक्षित रहेगा, हालांकि छात्र अभी घर पर है परन्तु परिजन हर 4 दिन में रायपुर इलाज को ले जा रहे है. वहीं मामले में तूल पकड़ने के बाद जहां एक ओर शिक्षा विभाग ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है तो वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन ने संबंधित शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस के साथ साथ ही निलंबित भी कर दिया है वहीं परिजन और समाज के लोग स्कूल प्रबंधन के इस कार्यवाही से असंतुष्ट होकर स्कूल पहुंचे जहां स्कूल प्रबंधन और छात्रों के परिजन और समाज के साथ मिलकर बैठक की गई.
जिसमें परिजनों के द्वारा स्कूल प्रबंधन के सामने तीन प्रमुख मांगे रखे गई जिसमें दो मांगों पर स्कूल प्रबंधन ने हामी जताई है और स्कूल प्रबंधन ने परिजनों के तीसरे और अंतिम मांग शिक्षिका के बर्खास्त करने पर कहा है कि जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्यवाही की जाएगी इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता
शिक्षा का मंदिर कहां जाने वाला स्कूल जहां शिक्षा के लिए परिजन अपने बच्चों को शिक्षकों के भरोसे स्कूल भेजते हैं वहीं भगवान माने जाने वाले एक शिक्षक के कृत्य से पूरा शिक्षा जगत सवाल के घेरे में खड़ा नजर आता है ऐसे में आने वाला समय ही बताएगा कि पीड़ित बच्चे को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली जांच और स्कूल प्रबंधन द्वारा कार्यवाही का दिया जाने वाला आश्वासन धरातल पर कितना सार्थक नजर आता है ?