छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के संभावित प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग में सतर्कता बढ़ गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी विभाग में रोजाना करीब 40 से 50 प्रतिशत मरीज एक जैसे लक्षणों के साथ आ रहे हैं। इन लक्षणों में लगातार बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, ठंड लगना और कमजोरी शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा कि अगर कोई व्यक्ति इन लक्षणों से परेशान हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में संपर्क करें। डॉक्टरों ने बताया कि वायरल संक्रमण से बचाव के लिए नियमित हाथ धोना, मास्क का उपयोग और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना जरूरी है।
जिला प्रशासन ने अस्पतालों में अतिरिक्त चिकित्सक और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी में संक्रमण रोकने के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं, ताकि मरीजों का उपचार सुरक्षित और प्रभावी ढंग से किया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि H3N2 वायरस का संक्रमण सामान्य फ्लू से अलग नहीं है, लेकिन यह तेजी से फैल सकता है और कमजोर रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को लगातार बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो वे इसे हल्के में न लें और तत्काल जांच करवाएं। साथ ही, उन्होंने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामुदायिक जागरूकता अभियान तेज करने का निर्णय लिया है।
स्थानीय स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में भी स्वास्थ्य जांच और सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त स्टाफ और दवा की व्यवस्था कर मरीजों को समय पर उपचार देने की पूरी तैयारी कर ली है।
हालांकि अभी तक गंभीर मामलों की संख्या कम है, लेकिन विभाग सतर्क है और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। जिले में लोगों को सुरक्षित रखने और वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विशेष प्रयास जारी हैं।