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मुश्किल में मास्साब : पदभार आधा अधूरा, वेतन भी नदारद

मनावर। ग्रामीण क्षेत्रों में बैठे अधिकारियों ने मनमानी को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान लिया है। शिक्षा जैसा पवित्र क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। मुख्यालय से चले आदेश से लेकर अदालत द्वारा दिए गए फैसले तक पर अधिकारियों की लापरवाही बनी हुई है। नतीजे में एक शिक्षक अपने अधिकार का 8 माह का वेतन पाने के लिए आला अधिकारियों से गुहार लगाता दिखाई दे रहा है।

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सीएम राईज शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनावर के प्राचार्य सोहन शिन्दे ने बताया कि उनके ट्रांसफर आदेश 30 सितंबर 2023 के विरूद्ध माननीय उच्चन्यायालय इन्दौर से ॅच् 25647 06 अक्टूबर 2023 को स्टे आर्डर मिलने के बाद भी सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग धार बृजकान्त शुक्ला ने न तो विद्यालय का प्रभार दिया और न ही नवंबर 2023 से अब तक का वेतन का भुगतान किया है। जिसके कारण शिन्दे एवं उनका परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से अत्यधिक प्रताडित हो रहे हैं।

मनमानी के आदेश

सहायक आयुक्त बृजकान्त शुक्ला ने नियमों की अनदेखी कर अपने मनमर्जी से सीएम राईज स्कूल मनावर का प्रभार 03 अक्टूबर 2023 को सालकराम केवट व्याख्याता को दे दिया। सूत्रों का कहना है कि केवट सीएम राईज के योग्य नहीं हैं। साथ ही उनका जाति प्रमाण भी संदेह के घेरे में हैं। जबकि सोहन शिन्दे की पदस्थापना नियामनुसार चयन प्रक्रिया द्वारा मप्र शासन जनजातीय कार्य मंत्रालय वल्लभ भवन से जारी आदेश क्रमांक/1652/1629/2022/25/1 दिनांक 27/09/2022 के अनुसार की गई थी।

दिया अधूरा प्रभार

प्राचार्य सोहन शिन्दे को सीएम राईज स्कूल मनावर का प्रभार तीन माह बाद पूर्व प्राचार्य जांचपूरे द्वारा आधा अधूरा प्रभार सौंप दिया गया। इसके बावजुद विद्यालय के वित्त प्रभारी शिक्षक विवेक शर्मा से सांठ – गांठ कर 75000 रूपये की राशि अनाधिकृत रूप से आहरित कर ली गई। जिससे वित्तीय अनियमित्ता परिलछित हो रही थी।

जिसके बारे में प्राचार्य सोहन शिन्दे द्वारा दिनांक 02 दिसंबर 2022 को आवश्यक कार्यवाही हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लिखा था। वित्तिय अनियमित्ताओं को अपने स्थानीय तथा राजनैमिक प्रभाव से छुपाने की दृष्टि से षड्यंत्र पूर्वक कूटरचना पूर्वक प्राचार्य की एक तरफा शिकायते करते रहे।

उक्त सम्बंध में प्राचार्य सोहन शिन्दे द्वारा वरिष्ठ कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु विस्तृत प्रतिवेदन (मय प्रमाण) के प्रस्तुत किया था। साथ ही प्रार्थी ने समक्ष में मौखिक रूप से भी उक्त संबंध से वरिष्ठ अधिकारियों चर्चा की थी।

जिसमें उन्होने सुचारू रूप से नियामनुसार विद्यालय संचालन के निर्देश दिये थे। इसके बावजुद बिना कारण बताओ सूचना पत्र के प्रार्थी को सूनने का अवसर दिये बिना सहायक आयुक्त बृजकान्त शुक्ला ने शिकायतकर्ताओं से सांठ-गांठ कर प्रार्थी के विरूद्ध एक तरफा कार्यवाही करते हुए तथा माननीय उच्च न्यायालय के स्टे आर्डर होने के बावजुद नियम विरूद्ध प्रार्थी को पदावनात करते हुए 27 अक्टूबर 2023 को शा.उ.मा.वि. दे रहे है और न ही आठ माह से वेतन का भूगतान कर रहे हैं। इसकी शिकायत शिंदे ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित सभी आला अधिकारियों से की है।

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