गाजा सीजफायर के पहला चरण लगभग पूरा हो चुका और दूसरे चरण की वार्ता शुरू होनी है, लेकिन इस पूरे सीजफायर पर तलवार लटकी हुई है. हमास ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा युद्ध विराम समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है और कहा है कि इजराइल सरकार 1 मार्च को खत्म होने वाले समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्ता में शामिल नहीं हो रही है.
समझौते के दूसरे और तीसरे चरण के डिटेल्स के बारे में छह हफ्ते के पहले चरण के दौरान बातचीत की जानी थी, जिसमें फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजराइली बंदियों की रिहाई, गाजा से इजराइली सैनिकों की आंशिक वापसी और 15 महीने तक लगातार इजराइली बमबारी से तबाह हुए एन्क्लेव में मदद पहुंचाना शामिल है.
19 जनवरी को शुरू हुए इस समझौते के मुताबिक यदि दूसरे चरण अंतिम रूप ले लेता है, तो सभी इजराइली बंदियों की रिहाई और स्थायी युद्ध विराम होगा. हालांकि अभी तक दूसरे चरण की वार्ता शुरू नहीं हो पाई है और शनिवार को रिहा होने वाले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई भी नेतन्याहू सरकार ने रोक दी है.
हमास का आरोप
हमास के सीनियर अधिकारी बासेम नईम ने कहा कि इजराइल लगातार समझौता का उल्लंघन कर रहा है. सीजफायर के पहले चरण के दौरान इजराइली सेना ने 100 फिलिस्तीनियों की हत्या कि है. बासम नईम ने शनिवार को अल जजीरा से कहा, “हमारा मानना है कि यह दक्षिणपंथी सरकार की ओर से समझौते को विफल और कमजोर करने की गंदी चाल है, साथ ही ये युद्ध में वापसी की इच्छा का संदेश देने वाला है.”
युद्ध से गाजा में नुकसान
युद्ध विराम समझौते के तहत इजराइल ने गाजा में 60 हजार मोबाइल घर और 2 लाख टेंट लगाने की अनुमति देने पर सहमति जताई थी, लेकिन इसको पूरी नहीं किया जा सका है. गाजा के 2.4 मिलियन फिलिस्तीनियों में से 90 पीसद से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं और एन्क्लेव का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है. 7 अक्टूबर 2023 को अपना आक्रमण शुरू करने के बाद से इजराइल ने 48,319 से ज्यादा फिलिस्तीनियों को मार डाला है. गाजा में सरकारी मीडिया कार्यालय का कहना है कि मलबे के नीचे लापता 13 हजार से ज्यादा लोगों के मृत होने की आशंका है. 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले में कम से कम 1,139 लोग मारे गए और लगभग 240 लोगों को बंदी बना लिया गया था.