फांसी घर विवाद: अरविंद केजरीवाल को तलब करेगी विशेषाधिकार समिति, स्पीकर ने दिए जांच के निर्देश

दिल्ली विधानसभा में ‘फांसी घर’ के मामले पर गुरुवार (6 अगस्त) को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति करेगी. दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तत्कालीन स्पीकर राम निवास गोयल को समन करके पूछताछ करेगी.

फांसी घर का शिलालेख हटाया जाएगा- स्पीकर

दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा में लगे फांसी घर का शिलालेख हटाया जाएगा. साथ ही नेशनल आर्काइव्स, ICHR, IGNCA के विशेषज्ञों की राय में सामने आया था कि इमारत के जिस हिस्से का शिलान्यास आप सरकार ने 9 अगस्त 2022 को फांसी घर के रूप में किया था वो असल में टिफ़िन रूम और लिफ्ट थी.

स्पीकर ने मंगवाया था 1911 का नक्शा

बीते तीन दिनों से इस मामले पर दिल्ली विधानसभा में चर्चा चल रही थी और मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी थी की नेशनल आर्काइव्स से उन्होंने विधानसभा का जो 1911 का नक्शा मंगवाया था. उसमें साफ़ साफ़ दर्ज था कि विधानसभा में फांसी घर नहीं बल्कि टिफ़िन रूम और लिफ्ट थी जिसे आप सरकार ने फांसी घर बताया था.

आप के विधायकों को पक्ष रखने का मौका दिया गया- स्पीकर

मामले पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को भी पक्ष रखने का मौक़ा दिया था जिसमें मंगलवार को आप विधायक जरनैल सिंह ने पक्ष रखते हुए ChatGPT को सबूत बताया था. आप विधायक संजीव झा ने कहा था कि कथित फांसी घर में कंचे मिले थे जो फांसी घर का सबूत है. आज दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप के सभी दावों को निराधार बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायकों को 3 दिन का समय दिया गया था. लेकिन तीनों दिन आप विधायक कोई सबूत नहीं पेश कर सके कि ये इमारत फांसी घर थी.

इतिहास पर काम करने वाली संस्थाओं ने भी दी जानकारी- स्पीकर

स्पीकर ने कहा कि उनके पास विधानसभा का नक्शा है और इतिहास पर काम करने वाली संस्थाओं ने भी उन्हें जानकारी दी कि दिल्ली विधानसभा में कभी फांसी घर था ही नहीं और ये झूठ था. ऐसे में दिल्ली विधानसभा से ना सिर्फ़ फांसी घर के शिलालेख को हटाया जाएगा बल्कि उस जगह पर 1911 दिल्ली विधानसभा का नक्शा लगेगा.

आप ने क्या कहा?

पूरे मामले पर आप विधायक संजीव झा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि जैसे केंद्र में बीजेपी सरकार को हर समय नेहरू याद आते हैं, वैसे दिल्ली की बीजेपी सरकार को अरविंद केजरीवाल याद आते हैं. उन्होंने कहा कि फांसी घर का फैसला पूर्व स्पीकर राम निवास गोयल का था ना कि अरविंद केजरीवाल का था. लेकिन जानबूझकर कर बीजेपी अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रही है.

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