मुहर्रम के जुलूस में एक ओर प्रदेश के बाकी शहरों से फिलिस्तीन के नारे लगाने और भगदड़ जैसी खबरें सामने आ रही हैं वहीं उज्जैन में इसके उलट हिंदू-मुस्लिम एकता का माहौल देखा गया है. यहां पर मुहर्रम के जुलूस के दौरान हिंदू और मुस्लिम एक साथ हनुमान चालीसा को गुनगुनाते हुए देखे गए. जुलूस में जो बैंड साथ जा रहा था उस पर सिंगर ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया तो सभी वहीं खड़े होकर ध्यान लगाकर सुनने लगे. हिंदू लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों के लोगों को माला पहनाई और उनके गम में शामिल हुए.
जिले के उन्हेल में मुहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा था उसी वक्त कचहरी दरवाजे पर नगर परिषद अध्यक्ष शांतिलाल हलकारा और उनके साथ हिंदू संगठन के अन्य लोग जुलूस में शामिल होने के लिए इकट्ठा हुए थे. जुलूस के दौरान हलकारा ने अपने हाथ में लाठियां लीं और अखाड़े का प्रदर्शन किया. इसके बाद सभी मुस्लिम भाइयों को पुष्पहार भी पहनाया. स्वागत और सम्मान के बाद नगर परिषद के अध्यक्ष शांतिलाल हलकारा और अन्य लोगों ने इस जुलूस में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया.
अचानक गूंज उठा हनुमान चालीसा
पाठ को सुनकर पहले तो जुलूस में शामिल लोग आश्चर्यचकित रह गए लेकिन यह कार्यक्रम सांप्रदायिक सोहाद्र का था इसीलिए बैंड बजा रहे मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने भी नगर परिषद अध्यक्ष और हनुमान चालीसा कर रहे लोगों का साथ दिया. जिससे चारों ओर जय हनुमान ज्ञान गुण सागर की गूंज गुंजायमान हो गई.
इस स्वागत समारोह के दौरान जहां हिंदू भाई हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे वहीं मुस्लिम समाज के लोग भी हनुमान चालीसा के आदर सम्मान में खड़े रहे. इस दौरान न सिर्फ सम्मान पूर्वक मुहर्रम के प्रतीकात्मक घोड़े को रोका गया. बल्कि सभी हनुमान चालीसा को सुनने के साथ तालियां बजाते हुए भी दिखाई दिए.
मार्ग से होकर निकला जुलूस
बताया जाता है कि हर साल की तरह इस साल भी चांदबड़ से इस जुलूस की शुरुआत हुई थी जो कि कचहरी दरवाजा, मस्जिद चौराहा, भेरू चौक, सब्जी मार्केट, कस्बा मंदिर चौराहा, कार्तिक चौक से होते हुए फिर वापसी में कचहरी दरवाजा पर पहुंचा जहां इस जुलूस का समापन हुआ.