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हनुमानगढ़: इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ धरने का एक साल पूरा, ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे एसडीएम…किसानों ने किया सड़क जाम 

हनुमानगढ़: जिले के टिब्बी कस्बे के समीपवर्ती राठीखेड़ा ग्राम पंचायत के चक पांच में लगने वाली इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में चल रहे धरने को एक वर्ष पूर्ण होने पर मंगलवार को फैक्ट्री हटाओ क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले टिब्बी एसडीएम कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया गया.

101 किसान व महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठी. इस मौके पर राष्ट्रीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अभिमन्यु कुहाड़ किसानों के बीच में पहुंचे. इस मौके पर किसान नेताओं ने इथेनॉल फैक्ट्री के कथित दुष्प्रभावों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सरकारें कोर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. किसानों व आमजनता को कीड़े मकौड़े समझती है. प्रशासन व सरकार कोर्पोरेट घरानों के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है. किसान फैक्ट्री मालिकों के आगे झुकने वाला नहीं है.

इसलिए इथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पंजाब के जीरा में जिस फैक्ट्री की वजह से वहां के लोगों ने नुकसान झेला है वो किसी से छुपा नहीं है. सरकार से पूछा गया कि अगर किसान अपनी मजबूरी में खेतों में धान की पराली को जलाने का प्रयास करता है तो प्रदूषण का हवाला देकर किसान पर जुर्माना लगाया जाता है. और इथेनॉल फैक्ट्री के जरिए होने वाले प्रदूषण को रोकने की लडाई लड़ रहा है तो सरकार का कोई ध्यान नहीं है. ऐसा क्यों हो रहा है सरकार को किसानों के हितों को देखते हुए इस इथेनॉल फैक्ट्री पर तत्काल रोक लगानी चाहिए.

एसडीएम के ज्ञापन लेने नहीं पहुंचने पर की सड़क जाम :

इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में सांकेतिक भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन के दौरान क़रीब साढ़े चार बजे किसान सीएम के नाम एसडीएम को ज्ञापन देने के लिए एसडीएम कार्यालय के गेट के आगे पहुंचे लेकिन वीसी के चलते तत्काल मौके पर नहीं पहुंचे. जिसके बाद आक्रोशित किसानों ने कुछ समय के एसडीएम कार्यालय के आगे सड़क जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. किसानों के आक्रोश को देखते हुए  एसडीएम सत्यनारायण सुथार किसानों से ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे जिसके बाद जाम हटाया गया.

सौंपे गए ज्ञापन में लिखा है कि टिब्बी कस्बे के पास राठी खेड़ा ग्राम पंचायत के चक पांच में इथेनॉल फैक्ट्री लगनी प्रस्तावित है. इस फैक्ट्री से अनेकों दुष्प्रभाव पड़ने की आंशका से इलाके के लोग परेशान हैं. साथ फैक्ट्री के अपशिष्टों को भूमि में डालने से भूमिगत जल प्रदूषण का खतरा बना हुआ है. कैंसर, नपुंसकता, चर्म संबंधित रोगों के फैलने की आंशका है.

इलाके का किसान यहां पर इथेनॉल फैक्ट्री लगने के पक्ष में नहीं है. जिसके विरोधस्वरूप चक पांच में लगने वाली फैक्ट्री की जगह के पास किसानों का एक साल से लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से फैक्ट्री को बंद करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जिससे इलाके के किसानों एवं आम जनता में रोष व्याप्त है. अगर फैक्ट्री यहां लगती है तो लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए किसानों के हित को देखते हुए इस इथेनॉल फैक्ट्री को किसी अन्य बंजर जगह या कम उपजाऊ क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाए. टिब्बी में जहां फैक्ट्री लगनी प्रस्तावित है वह ज़मीन उपजाऊ एवं भूमिगत जल मीठा है.

फैक्ट्री की वजह से भूमिगत जल प्रदूषण से लोगों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है. सरकार को आज नहीं तो कल इस फैक्ट्री को रोकना ही होगा. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर फैक्ट्री को यहां से नहीं हटाया गया तो इलाक़े के लोगों द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसकी तमाम जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी.

बार एसोसिएशन ने दिया समर्थन:

इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में धरना प्रदर्शन के दौरान स्थानीय बार एसोसिएशन ने किसानों की मांग के समर्थन में कार्य बहिष्कार किया. और धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाईं.

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