हरदोई में अदालत का फैसला : हत्या, डकैती के मुकदमें में बयानों से मुकरे पूर्व चेयरमैन के भतीजे सहित 3 के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश

हरदोई : नगर पंचायत पाली के पूर्व चेयरमैन के भाई की हत्या और डकैती के मामले में अपर जिला जज कोर्ट संख्या तीन योगेंद्र चौहान ने एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.बयानों से मुकर जाने के कारण वादी मुकदमा सहित 3 लोगों के खिलाफ प्रकीर्ण वाद भी दर्ज कराने के आदेश अपर जिला जज ने दिए हैं.

 

पाली कस्बे के मोहल्ला बिरहाना निवासी नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन कमलाकांत वाजपेई के भतीजे मयंक कुमार वाजपेई ने चार अप्रैल 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी.जिसमें बताया था कि तीन अप्रैल 2016 की रात करीब एक बजे उसके मकान में नगर पंचायत अध्यक्ष रिजवान खां, टुईयां कुरैशी, नगर पंचायत कर्मी गुलजार खां, इग्गन व 30 अज्ञात लोग उनके मकान के पूरब की ओर से छत पर चढ़ आए.

छत पर सो रहे मयंक के पिता ऋषीकांत वाजपेयी की गर्दन पर चाकू से वार कर दिया.शोर सुनकर बचाने आई उसकी पत्नी और मां को भी मारपीटा‌ और घर में रखे आभूषण भी चुरा लिए थे.इलाज के दौरान ऋषिकांत की मौत हो गई थी, पुलिस ने चेयरमैन रिजवान खां, टुइयां कुरैशी, गुलजार खां, इग्गन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की.विवेचना के दौरान उपरोक्त आरोपियों की नामजदगी गलत पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने शाहजहांपुर जनपद के थाना कटरा क्षेत्र के जवाहर नगर निवासी राजेंद्र और लाली, जालौन जनपद के कालपी थाना क्षेत्र के छौंके गांव निवासी राजाबाबू के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था.

 

लाली एवं राजाबाबू सुनवाई के दौरान ही जून 2023 से फरार चल रहे हैं.गवाही में वादी मुकदमा मयंक कुमार बाजपेई, रीना पत्नी ऋषिकांत वाजपेई, रजनी पत्नी मयंक अपने बयानों से मुकर गए थे.इस कारण अभियुक्त राजेंद्र को बरी किया गया। अपर जिला जज ने मयंक, उसकी पत्नी रजनी एवं मां रीना के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं.

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