हरियाणा राज्य महिला आयोग ने एक निजी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ टिप्पणी करने पर नोटिस जारी किया है. आयोग ने प्रोफेसर की टिप्पणी को ‘सशस्त्र बलों में सेवा दे रहीं महिलाओं का अपमान’ और ‘सांप्रदायिक वैमनस्य’ को भड़काने वाला बताया.
यह नोटिस 12 मई का है जिसमें कहा गया है कि आयोग ने सोनीपत में अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख एवं एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की ओर से सात मई को या उसके आसपास दिए गए सार्वजनिक बयानों का स्वतः संज्ञान लिया है.
यूनिवर्सिटी ने झाड़ा पल्ला
विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि महमूदाबाद ने यह टिप्पणी व्यक्तिगत की है और यह संस्थान की राय का प्रतिनिधित्व नहीं करती. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि उसे सशस्त्र बलों पर गर्व है. वहीं आयोग ने कहा कि ये टिप्पणियां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में थीं और इस मामले में महमूदाबाद को आयोग के समक्ष तलब किया गया है.
आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने संवाददाताओं को बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर को बुधवार को पैनल के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा, “हमने पूरा दिन इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए. हमें एक ईमेल मिला जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें देर से सूचित किया गया था और इसलिए वह आज नहीं आ सकते.”
‘सोफिया कुरैशी-विंग कमांडर व्योमिका ऐसी टिप्पणी गलत’
रेणु भाटिया ने आगे कहा, “हम देश की बेटियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को प्रणाम करते हैं. लेकिन राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है. मुझे उम्मीद थी कि वह कम से कम आज आयोग के सामने पेश होंगे और खेद व्यक्त करेंगे.”
नोटिस के साथ महमूदाबाद की टिप्पणियों को संलग्न किया गया है. उनमें से एक में प्रोफेसर ने कहा था कि कर्नल सोफिया कुरैशी की सराहना करने वाले दक्षिणपंथी लोगों को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या और संपत्तियों को ‘मनमाने ढंग से’ गिराए जाने के पीड़ितों के लिए सुरक्षा की मांग करनी चाहिए.
मीडिया ब्रीफिंग को बताया दिखावटी
एसोसिएट प्रोफेसर ने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को दिखावटी बताया था. उन्होंने कहा, “लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदला जाना चाहिए, अन्यथा यह सिर्फ पाखंड है.”
आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की टिप्पणियों ने “कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह सहित वर्दी धारण करने वाली महिलाओं के अपमान और भारतीय सशस्त्र बलों में पेशेवर अधिकारियों के रूप में उनकी भूमिका को कमतर आंकने के संबंध में चिंताएं उत्पन्न की हैं.”
पहलगाम हमले में गई थी 26 लोगों की जान
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने छह और सात मई की दरमियानी रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की थी. पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.