हरियाणा की अनुमानित 2.8 करोड़ आबादी में से 1.98 करोड़ लोग यानी कि करीब 70 प्रतिशत लोग बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में आते हैं. दरअसल, बीपीएल श्रेणी में आने वाले लोगों को राज्य सरकार के कई लाभ मिलते हैं. जिसमें प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं/बाजरा) मुफ्त में दिया जाता है. इसके अलावा हर महीने 40 रुपये में दो लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपये में 1 किलो चीनी प्रति बीपीएल कार्ड दिया जाता है.
दो साल में 75 लाख लोग जुड़े
BPL के बढ़ते आंकड़ों के अलावा इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दो सालों में लगभग 70 लाख लोगों से ज्यादा को इस श्रेणी में जोड़ा गया है. दिसंबर 2022 में लगभग 1.24 करोड़ लोगों (कुल आबादी का 44 प्रतिशत) को इस श्रेणी में सूचीबद्ध किया था. लेकिन पिछले दो वर्षों में उनकी संख्या में लगभग 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब आंकड़ा 1.98 करोड़ है. ये आंकड़े हरियाणा सरकार के राज्य में विकास में तेज़ी लाने के दावे पर सवाल खड़ा करते है.
राज्य सरकार ने कहा जांच होगी
इन आंकड़ों पर अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इसपर मंत्री राजेश नागर ने कहा की जांच करवाई जाएगी. उन्होंने कहा, ‘परिवार पहचान पत्र को CRID से जोड़ दिया गया है, जिसमें सेल्फ डिक्लेरेशन का प्रोविजन किया गया है, जिससे 70 लाख लोग पिछले दो साल में बीपीएल केटेगरी में और जुड़े और आंकड़ा 70 % पहुंचा. कई लोग दिक्कत में थे जिससे कुछ महीने पहले ही बदलाव किया. ताकि लोगों को ऑफिस के चक्कर में न काटने पड़े. डिपार्टमेंट का इसमें कोई लेना देना नहीं है. लोगों ने खुद फैसला लेकर अपनी आय को 1 लाख 80 हजार से कम दिखाया है. हम अधिकारियों के संपर्क में हैं और मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले की जांच कराई जाएगी.’
इस जिले में सबसे ज्यादा बीपीएल धारक
सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, फरीदाबाद जिले में 14.29 लाख BPL लाभार्थियों की संख्या है, जो राज्य के एक जिले में सबसे ज्यादा है. उसके बाद हिसार (13.55 लाख) और मेवात (13.49 लाख) का स्थान है. पंचकूला 3.65 लाख बीपीएल आबादी के साथ सबसे नीचे है.