हाथरस: सादाबाद क्षेत्र के बिलारा गांव के अभय कुमार ने केंद्रीय सरकार के प्रतिष्ठित पेटेंट एंड डिजाइन कोर में स्केल वन ऑफिसर के रूप में चयनित होकर जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है, सीआईएसएफ में हवलदार राकेश सिंह के बेटे अभय की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि क्षेत्र के युवाओं के लिए भी प्रेरणा है.
देश सेवा का सपना बचपन से
अभय कुमार का सपना बचपन से ही देश की सेवा करने का था. उनके पिता राकेश सिंह बताते हैं कि अभय पढ़ाई को लेकर बेहद समर्पित थे. देर रात तक पढ़ाई करना उनकी आदत थी. परिवार को उन्हें समझाना पड़ता था कि “बेटा, अब सो जाओ, कल फिर पढ़ाई करनी है.”
अभय ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की और सार्वजनिक क्षेत्र के कई उपक्रमों में भी चयनित हुए.
कठिन परीक्षा में शीर्ष स्थान
पेटेंट एंड डिजाइन कोर के 220 पदों के लिए आयोजित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में अभय ने टॉप रैंक हासिल कर अपना स्थान पक्का किया. चयन प्रक्रिया की कठिन चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने यह साबित किया कि मेहनत और लगन से हर मुश्किल को हराया जा सकता है.
सफलता का श्रेय और प्रेरणा
अपनी सफलता का श्रेय अभय ने अपने माता-पिता और परिवार को दिया. उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता और परिवार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया और हर कदम पर साथ दिया. उनके संस्कार और समर्थन से ही यह संभव हो सका.”
अभय ने बताया कि उनकी दिनचर्या में अनुशासन और पढ़ाई के प्रति समर्पण सबसे अहम थे. उन्होंने कहा, “रोजाना केवल 4 घंटे की नींद के साथ मैंने अपनी तैयारी को बनाए रखा. कठिन परिश्रम और मानसिक मजबूती ने मुझे यहां तक पहुंचाया.”
देश सेवा में परिवार की परंपरा
अभय अपने परिवार के तीसरे सदस्य हैं जो देश सेवा में योगदान दे रहे हैं. उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि छोटे गांवों से भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं.
युवाओं के लिए प्रेरणा
अभय कुमार की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने का संकल्प लेते हैं. यह दिखाती है कि समर्पण, अनुशासन और परिवार के समर्थन से हर ऊंचाई को छुआ जा सकता है.
अभय की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है. उनका संघर्ष और सफलता सभी को यह संदेश देती है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत और लगन ही सबसे बड़ा हथियार है.