Uttar Pradesh: हाथरस जिले के बहुचर्चित कृतार्थ हत्याकांड में पुलिस जांच ने नया मोड़ ले लिया है, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह समेत पांच आरोपियों को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया है.
हालांकि, इन पर सबूत मिटाने और घटना की सूचना न देने का आरोप बरकरार रखा गया है. इसके विपरीत, पुलिस ने स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को हत्या का दोषी माना है, पुलिस का दावा है कि, छात्र ने स्कूल से छुट्टी पाने की इच्छा के चलते इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. आरोपी छात्र को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.
जानकारी के अनुसार हाथरस जिले के थाना सहपऊ क्षेत्र के गांव रसगवां स्थित डीएल पब्लिक अवासीय विद्यालय में 22 सितंबर 2024 की रात 11 वर्षीय कृतार्थ, जो कक्षा 2 का छात्र था और स्कूल के हॉस्टल में रहता था, उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. अगले दिन, प्रबंधक ने कृतार्थ के परिवार को उसकी तबीयत खराब होने की सूचना दी. परिवार के मौके पर पहुंचने पर कृतार्थ का कोई अता-पता नहीं था.
जांच में हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र और बलि
पुलिस ने बाद में प्रबंधक दिनेश बघेल को सादाबाद क्षेत्र में उसकी गाड़ी समेत पकड़ा. गाड़ी में कृतार्थ का शव बरामद किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई. मामले में प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह, स्कूल टीचर लक्ष्मण सिंह और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था. प्रारंभिक जांच में हत्या के पीछे तंत्र-मंत्र और बलि का आरोप लगाया गया.
हालांकि, नई जांच में पुलिस ने कहा कि, स्कूल के कक्षा 8 के छात्र ने यह हत्या की. जांच के अनुसार, आरोपी छात्र अक्सर कहता था कि, स्कूल में किसी की मौत हो जाए तो छुट्टी मिलेगी या नहीं. इसी कारण उसने कृतार्थ की हत्या कर दी. कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने पुलिस पर झूठी कहानी गढ़ने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, हमने अपने बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. प्रबंधक की गाड़ी से शव मिला था, फिर भी उसे क्लीन चिट दी गई. हम इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाएंगे. 0स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी मामला दर्ज है. बीएसए ने प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
यह मामला न केवल एक बच्चे की हत्या तक सीमित है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली और न्याय प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है. कृतार्थ के परिवार और स्थानीय समाज ने उच्च न्यायालय या सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग की है.