ऑपरेशन सिंदूर के दौरान घायल हुए बक्सर जिले के चौसा प्रखंड निवासी हवलदार सुनील कुमार सिंह (46) की शहादत की खबर ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है. पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल सुनील सिंह 22 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझते रहे, लेकिन अंततः उन्होंने सेना के उधमपुर अस्पताल में अंतिम सांस ली.
राजौरी सेक्टर में तैनात थे सुनील कुमार सिंह
सुनील कुमार सिंह राजौरी सेक्टर में तैनात थे और 9 मई की रात हुए ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट कर उधमपुर स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार ने बताया कि 2 मई को उनसे आखिरी बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सब ठीक है. पर 9 मई को जब घायल होने की खबर सेना द्वारा दी गई, तभी से पूरा परिवार चिंता में डूबा हुआ था.
2002 में सेना में हुए थे भर्ती
सुनील कुमार सिंह ने 2002 में भारतीय सेना की ईएमई (इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग) कोर में भर्ती होकर देश सेवा की शुरुआत की थी. हथियारों और तकनीकी उपकरणों की मरम्मत में माहिर इस यूनिट में उन्होंने अपनी निष्ठा और मेहनत से 2023 में हवलदार के पद तक तरक्की हासिल की थी
परिवार में पसरा मातम
शहीद सुनील सिंह के परिवार में उनकी मां पावधारी देवी रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं, पत्नी और दो बेटे हैं. वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके छोटे भाई अनिल खेती करते हैं, जबकि चंदन भारतीय सेना में सेवारत हैं. परिवार का कहना है कि सुनील की शहादत को सरकार द्वारा राजकीय सम्मान मिलना चाहिए.
गांव में शोक की लहर
शहादत की खबर मिलते ही चौसा गांव सहित पूरे क्षेत्र में मातम छा गया है. ग्रामीण उनके बलिदान और वीरता को याद कर रहे हैं और उनके अंतिम दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हालांकि, उनका पार्थिव शरीर अब तक गांव नहीं पहुंचा है, लेकिन उनके शहीद होने की खबर पूरे जिले में फैल चुकी है.
राजकीय सम्मान की मांग
स्थानीय लोगों और परिजनों ने सरकार से मांग की है कि शहीद सुनील कुमार सिंह को राजकीय सम्मान दिया जाए और उनके परिवार को उचित सहायता दी जाए.
मानदेय देगी सरकार
उनकी शहादत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘…भारतीय सेना के हवलदार सुनील कुमार सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ, जो बक्सर जिले के रहने वाले थे और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान घायल हो गए थे. हवलदार सुनील कुमार सिंह के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से मानदेय दिया जाएगा. साथ ही, राज्य सरकार द्वारा पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.’