हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में HC का बड़ा फैसला, मुआवजा देने पर लगी रोक हटाई

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार को हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुआवजा देने पर लगी रोक हटा दी. साथ ही मृतकों के परिजनों को 15 लाख रुपए मुआवजा देने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को सही करार दिया.

हाईकोर्ट ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में घायलों और संपत्ति का नुकसान उठाने वालों को 5 लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने एनजीटी से फैक्ट्री मालिक की आपत्तियां सुनने और मुआवजे पर फैसला लेने को कहा है. फैक्ट्री मालिक ने एनजीटी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

संपत्ति नीलाम कर मुआवजा देने के थे निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरदा पटाखा फैक्ट्री के मालिकों की संपत्ति नीलाम कर मुआवजा देने के निर्देश दिए थे. एनजीटी के आदेश के बाद जिला कलेक्टर ने 15.80 करोड़ रुपए वसूले थे. साथ ही फैक्ट्री मालिकों की 9 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी. इसे लेकर फैक्ट्री मालिक सोमेश अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

फैक्ट्री मालिक ने एनजीटी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट में दलील दी गई थी कि उसकी जब्त संपत्ति को 2 करोड़ रुपए में बेचा जा रहा है, जबकि इसकी कीमत इससे ज्यादा है. एनजीटी ने विस्फोट मामले में जान गंवाने वालों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 5-5 लाख रुपए और अन्य को 3-3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था.

इसी साल 6 फरवरी को हुआ था विस्फोट

हरदा जिले में इसी साल 6 फरवरी को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ था. इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. यह हादसा इतना भयानक था कि मृतकों की पहचान भी नहीं हो पाई थी. फैक्ट्री में विस्फोट का मुख्य कारण बड़ी मात्रा में बारूद रखना था. इस घटना के बाद फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था.

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