यूपी के बहराइच में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या करने वाले आरोपियों के एनकाउंटर पर अब केंद्रीय गृह मंत्री गिरिराज सिंह का बयान भी सामने आया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधियों को तो खत्म कर देना चाहिए.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘वैसे अपराधियों को तो बीच चौराहे पर खत्म कर देना चाहिए, लेकिन वो बचा हुआ है यही बहुत है’.
कैसे लगी सरफराज और फहीन को गोली
बहाराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया है कि हिंसा मामले में पहले पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर जब पुलिस हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद करने पहुंची तो अवैध हथियारों से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी गई.
#WATCH | Bahraich violence accused injured in encounter, 5 arrested, Union Minister Giriraj Singh says, "Such criminals should be killed but they are alive that is more than enough…" pic.twitter.com/M8ubojeBgL
— ANI (@ANI) October 17, 2024
पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें इस हिंसा और हत्या के मुख्य आरोपी सरफराज और फहीन को गोली लग गई. इस मामले में पुलिस ने एनकाउंटर के बाद कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें सरफराज और फहीन को गोली लगी है.
अधिकारी ने बताया कि हथियार को नेपाल सीमा के पास नानपारा क्षेत्र में छुपा कर रखा गया था. मर्डर में उपयोग किया गए हथियार को बरामद कर लिया गया है. एसपी वृंदा शुक्ला ने कहा कि उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे उसे तरीके से आगे कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि दंगा के आरोपियों पर एनएसए (रासुका) एक्ट लगाया जाएगा.
अखिलेश ने यूपी सरकार पर साधा निशाना
बता दें कि इस एनकाउंटर पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल भी खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर की घटना पर कहा, ‘अगर एनकाउंटर से ही लॉ एंड ऑर्डर सही हो रहा होता तो अभी यूपी कई मामलों में आगे होता. ये सरकार की नाकामी है. यूपी पुलिस की नाकामी है. जो लोग गांव का फंक्शन नहीं करा पा रहे हैं तो वो लोग लॉ एंड आर्डर कैसे संभालेंगे.’
ओवैसी ने यूपी पुलिस को घेरा
वहीं एएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनकाउंटर को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘बहराइच हिंसा के आरोपियों का पुलिस से ‘एनकाउंटर’ का सच जानना मुश्किल नहीं है. योगी की ‘ठोक देंगे’ नीति के बारे में सब जानते हैं. अगर पुलिस के पास इतना सबूत होता तो आरोपियों को क़ानूनी सज़ा दिलाने की कोशिश होती.