पहली पत्नी को तलाक दिए बिना किया दूसरा निकाह, शिकायत पर नप गए शिक्षक

बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक में एक शिक्षक को दूसरी शादी करना महंगा पड़ गया। शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षक पर आरोप है कि उन्होंने बिना पहली पत्नी को तालक जिए दूसरा निकाह कर लिया था।

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जानकारी के अनुसार, जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चांचीडांड के शिक्षक मोहम्मद मुमताज आलम अंसारी को बर्खास्त कर दिया गया है। आरोप है कि शिक्षक ने बिना तलाक लिए पहली पत्नी के रहते दूसरा निकाह किया। साथ ही पहली पत्नी के संबंध में फर्जी आरोप लगा कर गुमराह करने का प्रयास किया।

बता दें कि जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षक मो़हम्मद मुमताज आलम अंसारी के विरुद्ध उसकी पहली पत्नी ने शिकायत की थी। प्रथम पत्नी के रहते शासन की अनुज्ञा प्राप्त किए बिना दूसरा विवाह करने की शिकायत की पुष्टि पाए जाने के कारण पहले उन्हें निलंबित किया गया था।

बता दें कि निलंबन पश्चात विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जांच में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था। विभागीय जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर को जांचकर्ता अधिकारी तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बलरामपुर को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था।

तलाक के संबंध में पेश किया झूठा साक्ष्य

जानकारी के अनुसार, शिक्षक अंसारी द्वारा पहली पत्नी से इस्लामिक रीति के अनुसार वर्ष 2016 में तलाक की बात कही गई थी। पहली पत्नी के विरुद्ध लगाए गए आरोप के संबंध में कोई अभिलेखीय साक्ष्य एवं प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया। बलरामपुर जिला शिक्षा अधिकारी डीएन मिश्रा के अनुसार विभगीय जांच में पता चला कि अंसारी ने पहली पत्नी से तलाक के संबंध में झूठा साक्ष्य प्रस्तुत किया था। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए विभाग ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है।

इस प्रविधान के अनुसार शासकीय सेवा से बर्खास्त

संयुक्त संचालक शिक्षा ने जारी आदेश में मो मुमताज आलम अंसारी के गंभीर एवं अनैतिक पूर्ण कृत्य को सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम तीन एवं नियम 22 (एक) के विपरीत पाए जाने के उनके उपरोक्त वर्णित कदाचरण हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के प्रविधान अनुसार शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

डीएन मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी, बलरामपुर ने कहा कि शिकायत के परिपेक्ष्य में विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जांच में सभी पक्षों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया। जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने पर संयुक्त संचालक शिक्षा द्वारा शिक्षक को बर्खास्त किया गया है। यह कार्रवाई सिविल सेवा आचरण नियम के तहत की गई है जो सभी शासकीय सेवकों पर एकसमान रूप से लागू है।

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