पेशाब करने से रोका तो कर दी हत्या: मानवाधिकार आयोग ने DM-SP से मांगी रिपोर्ट..

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के चंडालभाटा क्षेत्र में दो दिन पूर्व हुई एक दर्दनाक हत्या के मामले में अब राज्य मानव अधिकार आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की जांच कर एक माह के भीतर प्रतिवेदन मांगा है. आयोग ने इसे मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया है.

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घटना में 25 वर्षीय युवक की जान महज इस बात पर ले ली गई कि उसने सार्वजनिक स्थान पर पेशाब कर रहे एक व्यक्ति को मना कर थोड़ा आगे जाने की सलाह दी थी. युवक की यह सामान्य और सामाजिक रूप से जिम्मेदार बात उस पर भारी पड़ गई. आरोपी युवक ने पहले तो उसे अपशब्द कहे, फिर देखते ही देखते उसके चार और साथी मौके पर आ गए और सभी ने मिलकर पीड़ित युवक पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह वारदात एक शराब दुकान के पास हुई, जहां आरोपी युवक शराब पी रहे थे. वारदात के बाद गंभीर रूप से घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मानवाधिकार आयोग ने मांगी जांच रिपोर्ट

घटना की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर मामले को संज्ञान में लिया गया है. आयोग की भोपाल मुख्यपीठ में सदस्य राजीव कुमार टंडन की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई कर इसे मानव अधिकारों का उल्लंघन माना है और जबलपुर के कलेक्टर व एसपी से एक माह के भीतर विस्तृत प्रतिवेदन मांगा है.

मानवाधिकार आयोग ने क्या कहा?

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी नागरिक, खासकर युवा, सामाजिक जिम्मेदारी निभाने पर अपनी जान न गंवाए. फिलहाल पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रकरण की जांच की जा रही है. इस घटना ने न केवल शहर बल्कि राज्य भर में कानून व्यवस्था और समाजिक सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जाहिर कर दी है.

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