मैहर : रघुराजनगर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को पांच अवैध क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया. एसडीएम राहुल सिलाडिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल की संयुक्त टीम ने छापेमारी अभियान चलाया.
बिना डिग्री और पंजीयन के संचालित हो रहे इन क्लीनिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए, जिससे अवैध चिकित्सा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है.
जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताएं
राजेंद्र नगर गली नंबर-2 स्थित श्री साई क्लीनिक में छापेमारी के दौरान न तो कोई वैध चिकित्सकीय डिग्री मिली और न ही अन्य प्रमाणिक दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सके. हैरानी की बात यह रही कि वहां एक सफाईकर्मी मरीजों का इलाज करता पाया गया। मौके से मरीजों से वसूली गई फीस और दवाइयों का रिकॉर्ड भी जब्त कर लिया गया. इसके बाद क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया.
इन क्लीनिकों पर भी हुई कार्रवाई
शंकर क्लीनिक बस स्टैंड के पास बिना किसी पंजीकृत चिकित्सक की उपस्थिति में एलोपैथिक दवाओं का वितरण किया जा रहा था. शंभू हॉस्पिटल माधवगढ़ में संचालक के पास केवल बीएससी और एमए की डिग्रियां थीं, जबकि क्लीनिक का कोई वैध पंजीकरण नहीं था.
दीप नारायण गर्ग क्लीनिक भी बिना वैध चिकित्सा डिग्री और रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था, जिसे सील कर दिया गया. दोलन क्लीनिक माधवगढ़ में कथित बंगाली चिकित्सक द्वारा भारी मात्रा में इंजेक्शन और दवाइयों का अवैध भंडारण पाया गया। दो मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें तत्काल सरकारी अस्पताल भेजा गया.
क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स एक्ट के तहत कार्रवाई
सभी क्लीनिकों पर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) एक्ट, 2010 की धारा 41 के उल्लंघन का मामला पाया गया। इसी के तहत सभी प्रतिष्ठानों को सील किया गया और प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जांच के दौरान इंजेक्शन के अवैध उपयोग और मेडिकल वेस्ट के लापरवाहीपूर्ण डिस्पोजल के मामले भी सामने आए हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर प्रशासन सख्त
एसडीएम राहुल सिलाडिया ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनियमित और अवैध चिकित्सकीय गतिविधियों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी. आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त रुख अपनाएगा.
उन्होंने लोगों से अपील भी की कि इलाज के लिए केवल प्रमाणित चिकित्सकों और पंजीकृत संस्थानों पर ही भरोसा करें, ताकि फर्जीवाड़े से बचा जा सके.