देवास। पिछले दिनों दो किशोरियों की मौत के बाद चर्चाओं में आए टोंकखुर्द क्षेत्र के गांव खेड़ा माधोपुर में भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की राज्यस्तरीय टीम लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी पहुंची। टीम द्वारा यहां सर्वे किया गया। संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैम्पल लिए गए। अब तक गांव में 181 लोगाें की जांच कर बुखार के 37 मरीजों के सैम्पल लिए जा चुके हैं। भोपाल की टीम द्वारा करीब 15 मरीजों के सैम्पल ले जाए गए हैं जिनकी डेंगू, मलेरिया सहित टायफाइड, पीलिया, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस आदि जांचें की जाएंगी।
किशोरियों की मौत वायरल फीवर से होना प्रारंभिक स्तर पर माना जा रहा है। वहीं प्रारंभिक उपचार में किसी डाक्टर द्वारा लापरवाही करने से स्थिति बिगड़ने के बिंदु पर भी जांच की जा रही है। लार्वा व फीवर सर्वे के लिए टोंकखुर्द स्वास्थ्य केंद्र की टीम गांव में लगी है।
भोपाल की टीम में डॉ. सीएस शर्मा, डॉ. शैलेंद्र सिंह, डॉ. सेविया सालम शामिल थे। सीएमएचओ शिवेंद्र मिश्रा ने बताया गांव में स्वास्थ्य शिविर लगा है। घर-घर जाकर मरीजों की जानकारी ली जा रही है। टीमों का गठन किया गया है। टीम को घर-घर भ्रमण के दौरान कुछ घरो में डेंगू लार्वा मिला था, इसके विनिष्टीकरण की कार्रवाई की गई। लार्वा सर्वे व फीवर सर्वे लगातार चलाया जा रहा है, मरीजों को उपचार भी दिया जा रहा है। कीटनाशक का छिड़काव हो रहा है।
ग्रामीण कर रहे गांव में अस्पताल खोलने की मांग
उधर कुछ ग्रामीणों द्वारा खेड़ा माधोपुर गांव में अस्पताल खोलने की मांग की जा रही है, उनका कहना है कि अभी हमारा गांव कमलापुर उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आता है। हमारे गांव की जनसंख्या कमलापुर की तुलना में ज्यादा है, लेकिन अस्पताल वहां खुला है। भविष्य में ऐसे बीमारियां न फैलें, इसे देखते हुए अस्पताल हमारे गांव में खुलना चाहिए।