देश के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के स्वास्थ्य में में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. उन्हें अगले 1-2 दिनों में आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किए जाने की संभावना है. उन्हें 12 दिसंबर को नई दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, उन्हें दिक्कत क्या थी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. हॉस्पिटल ने मंगलवार शाम को एलके आडवाणी का हेल्थ बुलेटिन जारी किया.
इसमें कहा गया, ‘वयोवृद्ध भाजपा नेता और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी 12 दिसंबर से इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के आईसीयू में डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं. उनके मेडिकल कंडीशन में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है. उनके स्वास्थ्य की प्रगति के आधार पर, उन्हें अगले 1-2 दिनों के भीतर आईसीयू से शिफ्ट किए जाने की संभावना है.’
आडवाणी को इस साल अगस्त महीने में भी अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और तब भी वह न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी के ऑब्जर्वेशन में रहे थे. सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. उसके एक महीने पहले, 26 जून की रात 10:30 बजे उन्हें दिल्ली एम्स के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. दिल्ली एम्स में उनका इलाज डॉ. अमलेश सेठ की निगरानी में किया गया था और वह अगले दिन डिस्चार्ज हो गए थे.
लालकृष्ण आडवाणी को इस साल 30 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. बता दें कि आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची (जो वर्तमान पाकिस्तान में है) में हुआ था. उन्होंने गत 8 नवंबर को अपना 98वां जन्मदिन मनाया था. वह 1942 में एक स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस से जुड़े. वह 1986 से 1990 तक, फिर 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे.
आडवाणी भाजपा की स्थापना (6 अप्रैल, 1980) के बाद से सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम करने वाले नेता रहे हैं. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में 1999 से 2005 तक भारत के गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था, लेकिन पार्टी को जीत नहीं मिली.