जसवन्तनगर : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धनुआ पर स्वास्थ्य सेवाएं न के बराबर हैं. इस पीएचसी की जिम्मेदारी सिर्फ एक फार्मासिस्ट पर है. यहां लैब असिस्टेंट की तैनाती तो है डॉक्टर नहीं पहुंचे तो फार्मासिस्ट ही डॉक्टर बन गए और मरीजों को गोलियां देकर इलाज किया.
चिकित्सक की तैनाती होने के बाद भी यहां पर कुर्सी खाली मिली डॉक्टर की मरीजों को इलाज की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. डॉक्टर नहीं पहुंचे तो फार्मासिस्ट ही डॉक्टर बन गए और मरीजों को गोलियां देकर इलाज किया.
इस अस्पताल में मरीजों की एक भी जांचें नहीं हो पाती हैं. जांच कराने के लिए रोगियों को सीएचसी पर जाना पड़ता है या प्राइवेट हास्पिटल की ओर लोग रुख करते हैं. विकास खंड के ग्राम पंचायत धनुआ गाँव में मरीजों के इलाज के लिए पीएचसी बनाई गई है.
यहां पर फार्मासिस्ट कार्यरत हैं. उन्हीं के भरोसे पीएचसी चल रही है. वे ही मरीजों की ओपीडी कर उन्हें दवाएं देते हैं. यहां पर अधिकतर मरीज सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार,दाद,खाज, खुजली जैसी बीमारी के साधारण मरीज ही यहां आते हैं. गंभीर बीमारी के मरीज सीएचसी या फिर प्राइवेट अस्पताल में जाते हैं.