सुप्रीम कोर्ट में भूपेश बघेल की याचिका पर सुनवाई टली, अगली हियरिंग 11 अगस्त को

छत्तीसगढ़ में शराब, कोयला घोटाला व महादेव सट्टा एप प्रकरण की जांच कर रही सीबीआई और ईडी के अधिकारों को चुनौती वाली पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। अब यह सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

भूपेश बघेल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र पीएमएलए की धारा 50,44 और 60 को चुनौती दी है। याचिका में पूर्व सीएम बघेल ने मांग की है कि उन्हें इन मामलों में गिरफ्तार न किया जाए और जांच में सहयोग करने का अवसर दिया जाए।

चैतन्य की गिरफ्तारी को बताया राजनीतिक द्वेष

बघेल ने अपनी याचिका में उल्लेख किया कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के तहत की गई, उसी तरह उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। केंद्रीय एजेंसियां राजनीतिक प्रतिशोध के तहत गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकती हैं।

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भूइयां और जस्टिस एनके सिंह की बेंच में हुई इस सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मयंक जैन और हर्षवर्धन परघनिया ने भूपेश बघेल की तरफ से की पैरवी। ईडी के अधिवक्ता ने जवाब देने समय मांगा है।

वहीं भूपेश के बेटे चैतन्य बघेल की तरफ से संवैधानिकता संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट और गिरफ्तारी के खिलाफ मंगलवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

सूर्यकांत को सशर्त अंतरिम जमानत, प्रदेश छोड़ना होगा

डीएमएफ घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत अवधि में उन्हें प्रदेश से बाहर रहना होगा। कोयला घोटाले में ईडी और ईओडब्ल्यू-एसीबी के प्रकरण में सूर्यकांत तिवारी को 29 मई को ही जमानत मिल गई थी।

अब उन्हें डीएमएफ केस में भी जमानत मिल गई है। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जाय माला बागची की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया। पिछले तीन साल से रायपुर जेल में बंद सूर्यकांत की संभवतः गुरुवार को रायपुर जेल से रिहाई होगी।

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