छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर की डॉ.पूजा चौरसिया हत्या मामले में आरोपी सूरज पांडेय ने हाईकोर्ट ने याचिका दायर की थी. इस मामले में सुनवाई हुई है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने ट्रायल कोर्ट को चार महीने के अंदर केस की सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
ट्रायल कोर्ट ने मांगा था अतिरिक्त समय
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इससे पहले 29 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट ने आरोपी सूरज पांडेय की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और ट्रायल कोर्ट को जल्द सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे. ट्रायल कर रहे एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट को पत्र लिखकर ट्रायल पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था.
अदालत ने पत्र का अवलोकन करने के बाद पाया कि 6 दिसंबर 2024 को मामले में आईपीसी की धारा 376 और 302 के तहत पूरक आरोप पत्र पेश किया गया था, जिससे केस की प्रकृति बदल गई.
इसके चलते 17 जनवरी 2025 को मामला सक्षम न्यायालय में स्थानांतरित किया गया. नई धाराएं जुड़ने के कारण आरोप तय करने की प्रक्रिया दोबारा करनी होगी, जिसके लिए अतिरिक्त समय आवश्यक है. इस पर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के अनुरोध को उचित मानते हुए सुनवाई चार महीने में पूरी करने का आदेश दिया.
क्या है पूरा मामला?
तिफरा स्थित बॉबजी पार्क निवासी डॉ. पूजा चौरसिया को 10 मार्च 2024 की रात महादेव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.अस्पताल प्रबंधन ने सिरगिट्टी थाने को मेमो भेजकर जानकारी दी कि डॉ. पूजा को उनके पति अनिकेत कौशिक रात 9:37 बजे मृत अवस्था में लेकर आए थे.पुलिस ने जांच शुरू की और मृतका की मां की मांग पर पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें फांसी लगने से मौत की पुष्टि हुई..
इस मामले में मृतका की मां, भाई, पति और पति के दोस्त सूरज पांडेय के बयान दर्ज किए गए. जांच के बाद पुलिस ने सूरज पांडेय के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर 9 अप्रैल 2024 को उसे गिरफ्तार कर लिया था.
जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में जांच के दौरान नए साक्ष्य सामने आने पर सूरज पांडेय के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. अब हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले की सुनवाई बिना किसी देरी के चार महीने में पूरी की जाए.