लखनऊ में HDFC बैंक की एक महिला अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. महिला लंच करने के लिए ऑफिस में बैठी ही थी कि अचानक कुर्सी से नीचे जमीन पर बेसुध होकर गिर गई. आनन-फानन में महिला कर्मचारी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक, बीते मंगलवार को एचडीएफसी बैंक की गोमतीनगर के विभूतिखंड ब्रांच में एक महिला अधिकारी लंच करने के लिए कुर्सी पर बैठी ही थी कि अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. उसकी पहचान सदफ फातिमा के रूप में हुई है, उसकी उम्र 45 साल बताई गई है. यह महिला कर्मचारी लखनऊ के ही वजीरगंज इलाके की रहने वाली है.
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लंच के लिए कुर्सी पर बैठी, अचानक गिरी
महिला अधिकारी मंगलवार को दोपहर लंच करने के लिए कुर्सी पर बैठी ही थी कि अचानक बेसुध होकर गिर पड़ीं. उसके बाद जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टरों ने तुरंत ही मृत घोषित कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. हालांकि डॉक्टरों की ओर से अंदेशा जताया गया है कि महिला अधिकारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह पता चल सकेगी.
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक: अखिलेश
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के… pic.twitter.com/Xj49E01MSs
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
लखनऊ की इस घटना को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है.
उन्होंने कहा, “ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं. इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा. ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है. ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं. किसी भी देश की असली तरक्की का पैमाना सेवा या उत्पाद के आंकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है.”