वजीरगंज में तेज डीजे के वायब्रेशन से हार्ट मरीजों पर मंडरा रहा खतरा, प्रशासन बना तमाशबीन

गोंडा : सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के सख्त निर्देशों के बावजूद वजीरगंज इलाके में ध्वनि प्रदूषण अपने चरम पर है. तेज डीजे साउंड और उसके वायब्रेशन से न केवल आम लोग परेशान हैं, बल्कि दिल के मरीजों पर भी खतरा मंडरा रहा है. बावजूद इसके, स्थानीय प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है.

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जानकारी के मुताबिक, देर रात तक नियमों को ताक पर रखकर तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे हैं. इससे दिल के मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक शोर से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि हो सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि तीव्र ध्वनि का संपर्क लंबे समय तक रहने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, किशोरों और युवाओं में भी हियरिंग लॉस की समस्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, रिहायशी इलाकों में तेज आवाज में डीजे बजाना प्रतिबंधित है. लेकिन वजीरगंज में इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. लोगों का आरोप है कि डीजे संचालकों को स्थानीय पुलिस और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए वे मनमानी कर रहे हैं.

प्रशासन कब करेगा सख्त कार्रवाई?

लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन और पुलिस तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करें और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. अन्यथा, यदि कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

 

 

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