गर्मी का महासंकट: 2025-2029 होंगे ‘रिकॉर्ड तोड़’ गर्म! WMO की चेतावनी से बढ़ी चिंता

दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्यों में गर्मी लोगों को परेशान कर रही है. तेज धूप और बढ़ते तापमान की वजह से लोगों को मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है. गर्मी को लेकर विश्व मौसम विज्ञान संगठन की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 प्रतिशत संभावना है कि 2025 और 2029 के बीच का साल 2024 से ज्यादा गर्म होगा.

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रिपोर्ट में कहा गया कि एक ऐसा पूर्वानुमान (forecast) जो वास्तव में कोई नई खबर नहीं होनी चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि जबसे तापमान का रिकॉर्ड 1880 से रखना शुरू किया गया था उनमें से पिछले 11 साल, लगातार अब तक के रिकॉर्ड में सबसे गर्म रहे हैं.

रिपोर्ट में डब्लूएमओ ग्लोबल एनुअल टू डेकाडल क्लाइमेट अपडेट (2025-2029) ने यह भी अनुमान लगाया है कि 70 प्रतिशत संभावना है कि 2025-2029 के लिए पांच साल का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगा. जिससे लगातार और गंभीर हीटवेव, सूखा जैसे हालात होंगे.

यह पिछले साल की 2024-2028 के लिए डब्लूएमओ रिपोर्ट में बताई गई 47 प्रतिशत संभावना और 2023-2027 के लिए 2023 रिपोर्ट में बताई गई 32 प्रतिशत संभावना से ज्यादा है. यह सीमा अहम है क्योंकि यह पेरिस समझौते के लक्ष्यों में से एक है.

मौसम परिवर्तनों की निगरानी करनी है बेहद जरूरी

WMO की रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के अनुकूल फैसला लेने के लिए लागातार जलवायु निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि 2025-2029 के बीच हर साल वार्षिक औसत वैश्विक औसत सतही तापमान 1850-1900 के औसत से 1.2 डिग्री सेल्सियस और 1.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने की संभावना है. इसका मतलब है कि अगले पांच सालों के दौरान वार्षिक वैश्विक तापमान रिकॉर्ड स्तर पर या उसके करीब बने रहने की संभावना है. पिछले 60 सालों में देखे गए वार्षिक औसत तापमान से काफी ऊपर रहेगा.

हालांकि, WMO ने यहा साफ किया है कि 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य का अस्थायी उल्लंघन, भले ही कुछ सालों के लिए हो, पेरिस समझौते की विफलता नहीं माना जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस समझौते में 1.5 डिग्री सेल्सियस (और 2 डिग्री सेल्सियस) का स्तर वैश्विक तापमान से अनुमान लगाई गई वार्मिंग के दीर्घकालिक स्तर के बारे में बताता है. आमतौर पर 20 सालों में इस फैक्ट का हवाला देते हुए कि जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) 20-वर्षीय औसत के संदर्भ में भविष्य के वैश्विक वार्मिंग के लेवल के बारे में बताता है.

लेकिन, रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-2034 के लिए 20 साल के औसत वार्मिंग का केंद्रीय अनुमान 1.44 डिग्री सेल्सियस (1.22-1.54 डिग्री सेल्सियस की 90% विश्वास सीमा के साथ) पर 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को खतरनाक रूप से पार करने के करीब है

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