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दार्जिलिंग में बारिश से भारी तबाही, पुल ढहने से 9 लोगों की मौत, भूस्खलन से कई सड़कें बंद

दार्जिलिंग में लगातार बारिश के कारण मिरिक इलाके में स्थित दुडिया आयरन ब्रिज ढहने से 9 लोगों की मौत हो गई. ये पुल मिरिक और आसपास के क्षेत्रों को सिलीगुड़ी-कुर्सियांग से जोड़ता था. भारी बारिश के कारण हुए हादसे से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा गई है. हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. हालांकि, भूस्खलन और बाढ़ के खतरे ने रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं. हादसे पर पीएम मोदी ने दुख जताया है.

अधिकारियों ने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण शनिवार को दार्जिलिंग की पहाड़ियों में कई जगह भूस्खलन होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए. भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया.

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि मिरिक में अब तक 6 मौतें दर्ज की गई हैं. इनमें सौरानी (धारा गांव) में 3, मिरिक बस्ती में 2 और विष्णु गांव में 1 मौत शामिल है. स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिया है, लेकिन भूस्खलन और बाढ़ के खतरे के कारण स्थिति जटिल बनी हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना पर दुख जताया है. पीएम ने एक्स पर लिखा, ‘दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूं. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

PM ने आगे लिखा, ‘भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी CM

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दार्जिलिंग में भारी बारिश से हुए तबाही का आकलन के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी.

कई सड़कें हुईं बंद

हादसे के बाद दिलाराम (दार्जिलिंग की ओर) में एक बड़ा पेड़ गिर गया है और हुसैन खोला में भूस्खलन हुआ है. इसके चलते दार्जिलिंग की ओर जाने वाला रास्ता बंद हो गया है.  अब कुर्सियांग और दार्जिलिंग पहुंचने के लिए केवल पंखाबाड़ी और एनएच110 ही खुले हैं. कुर्सियांग से दार्जिलिंग तक डाउनहिल रोड (पुरानी मिलिट्री रोड) का इस्तेमाल किया जा सकता है.

एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्टों के अनुसार, अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया है. सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची) और मिरिक झील क्षेत्र जैसे कई स्थानों से लोगों के मारे जाने की खबरें आईं. धार गांव में मलबे से कम से कम चार लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ढह गए.

भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क समेत प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया, जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं. उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को चिंताजनक बताया और रिपोर्टों का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या सत्रह बताई है.

गुहा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘जान का नुकसान दुखद है. हमारी रिपोर्ट के अनुसार मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है. लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है.’

 

‘फिसलन भरा है इलाका’

 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य में भारी बाधा आई है. उन्होंने कहा, ‘ये इलाका फिसलन भरा है और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. नुकसान का आकलन अभी भी किया जा रहा है. इन ढलानों पर अर्थमूवर्स के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है.’

 

एहतियात के तौर पर बिष्णुलाल गांव, वार्ड 3 लेक साइड और मिरिक के जसबीर गांव में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और जिला प्रशासन के समन्वय से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

 

IMD ने जारी किया अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में 6 अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, तथा संतृप्त मिट्टी की स्थिति के कारण अधिक भूस्खलन और सड़क अवरोध की चेतावनी दी है.

अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता मिरिक झील के पास लापता हुए दो लोगों का पता लगाना और संपर्क से कटे क्षेत्रों में संपर्क बहाल करना है, क्योंकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाव अभियान रात भर जारी रहेगा.

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