झालावाड़: जिला मुख्यालय संहिता आसपास के इलाकों में पिछले 24 घंटे से लगातार बरसात का दौर जारी है, जिसके चलते कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. बांधों के गेट खोल दिए गए हैं, वहीं तालाब ओवरफ्लो हो रहे हैं, जिसके चलते हैं चारों तरफ पानी ही अपनी ही नजर आ रहा है। झालावाड़ शहर में मौजूद सभी तालाबों पर चादर चल रही है, जबकि कालीसिंध बांध के तीन गेट खोले गए हैं.
भीमसागर बांध से भी गेट खोलकर पानी की निकासी की गई है तथा झालावाड़ शहर के दुर्गपुरा मार्ग स्थित नए तालाब की चादर चलने से सड़क स्विमिंग पूल में तब्दील हो गई है जहां काफी लोग नहाने पहुंच रहे हैं. झालावाड़ को राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है तथा यहां बारिश हमेशा ही ज्यादा रहती है. वर्तमान स्थिति की यदि बात करें तो यहां की औसत बारिश के मुकाबले अब तक 109% बारिश हो चुकी है, जबकि मानसून की समाप्ति में लगभग दो पखवाड़े का समय शेष बाकी है.
ऐसा माना जा रहा है कि यदि आने वाले दिनों में हल्की-फुल्की बारिश का दौर भी जारी रहा तो बारिश का आंकड़ा 1250 एम एम को पार कर जाएगा. अभी वर्तमान में 1000 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरस चुका है. नदी तालाबों में पानी की भारी आवक के चलते जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है तथा बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है.
झालावाड़ के सभी जल स्रोत पूरे भरे हुए हैं और औवरफ्लो हो रहे हैं. ऐसे में यदि बारिश का दौर लगातार जारी रहा तो जिले में बाढ़ के हालात भी बन सकते हैं जिनको लेकर प्रशासन पूरी तरह से चक चौबंद है. पानी वाले इलाकों में लोगों को जाने से रोका जा रहा है, तो वहीं प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को चेताया है कि नदी की पुलियाओं पर पानी हो तो उनको पर ना करें. ज्यादा ट्रैफिक वाली पुलियाओं पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है जो वहां से निकलने वाले लोगों को समझाइश करके रोक रहे हैं.