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अतिवृष्टि का कहर: किसानों की बाजरा की फसल हुई नष्ट, मुआवजे की मांग

जसवन्तनगर : बीते महीने हुई तेज बारिश और चक्रवाती तेज हवा से किसानों को भारी क्षति पहुंची है. खेतों में खड़ी बाजरा की फसल में पानी भर गया था. फसलें बिछ गई थीं जिससे किसानों को फसलो नुकसान हुआ है. पीड़ित किसानों ने प्रशासन से क्षति का आंकलन कर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है.

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क्षेत्र के गाँव नगला तौर के किसानों ने मौजा नगला सलहदी और नगला रामसुंदर,लव किशोर, पुनीत, मोहर सिंह, राकेश कुमार, पूरन सिंह,संजीव प्रताप,विजय पाल, अवनीश, अशोक,गिर्राज,सुबोध, में कई हैक्टेयर जमीन में बाजरा की फसलें की थीं पिछले माह हुई बारिश से खेतो में कई कई फुट जल भराव हो गया था बारिश ने पकी हुई खड़ी बाजरे की फसल में गलन रोग लगने के बाद चौपट कर दिया है.

जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया. जिससे अन्नदाताओं को माथे पर चिंता की लकीरें पैदा हो गई हैं. कुछ अन्नदाताओं को अपनी बेटियों के हाथ पीले करने हैं किसी को अन्य काम करने है,

किसी ने सूदखोरों से कर्ज लेकर अपनी फसलों की बुबाई की थी किसी ने बैंक से कर्ज लेकर फसल की थी लेकिनपिछले माह हुई बारिश ने क्षेत्र के दर्जनों गाँव के किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है नगला तौर, नगला सलहदी, नगला रामसुंदर, तिजोरा, बीबा मऊ समेत कई गांवों में हुई बारिश से बाजरा व अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई.

वहीं खेतों में पानी भरने से फसलें गल कर धराशायी हो गई. कई जगह तो अब आगामी फसल के लिए भी स्थिति अनुकूल नहीं रही। किसानों ने बताया नगला तौर के रहने वाले लव किशोर, पुनीत, मोहर सिंह, राकेश कुमार,पूरन सिंह,रानी देवी,संजीव प्रताप,विजय पाल, अवनीश,अशोक,गिर्राज, सुबोध,आदि अन्डावली गाँव के किसान, आलोक, करन सिंह,उपांशु,शतीस, प्रवीन,ज्ञान सिंह, प्रदीप आदि ने बताया कि सबसे ज्यादा अब पशुओं के लिए चारे का संकट भी गहरा जाएगा. बीते माह लगातार कई दिनों तक तेज बारिश हुई थी बारिश का पानी खेतों में भरा हुआ था.

वह निकल भी नहीं पाया था यह बारिश किसानों के लिए अभिषाप बन गई। खेतों में बाजरा की फसल में पानी भर जाने और फसल के गिर जाने से सैकड़ों बीघा फसल चौपट हो गई. धान की फसल भी पानी में भीगी है. जिसके गल जाने और सड़ जाने का अंदेशा किसानों को सता रहा है. बाजरा की फसल नष्ट हो गई है किसान पहले से ही परेशान था. उसकी परेशानी और अधिक बढ़ गई है.जब इस संबंध में तहसीलदार दिलीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लेखपालों को आदेश दिया गया है जहाँ जहाँ पर नुकसान हुआ है वहाँ पर जाकर अपने अपने क्षेत्र में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने के लिए सम्मिट करें.

 

 

 

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