Vayam Bharat

उनका कद छोटा किया गया… प्रियंका गांधी को लेकर ऐसा क्यों बोले पूर्व कांग्रेसी नेता?

लंबे इंतजार के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा अब चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं. कांग्रेस ने उन्हें केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव में उतारने का फैसला लिया है. पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है लेकिन कांग्रेस के एक पूर्व नेता का कहना है कि प्रियंका गांधी को उपचुनाव का टिकट देकर उनका कद छोटा करने जैसा है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली लोकसभा सीट बनाए रखने के बाद प्रियंका गांधी को वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ाए जाने पर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “प्रियंका गांधी कांग्रेस के अंदर सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं. उन्हें तो कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था. उन्हें कांग्रेस की कमान सौंपनी चाहिए थी.”

उन्हें मेरी शुभकामनाएंः आचार्य कृष्णम

उपचुनाव में लड़ाने के फैसले पर कृष्णम ने कहा, “उपचुनाव में लोकसभा का टिकट देकर प्रियंका गांधी का कद और छोटा करने की कोशिश हो रही है. फिर भी, वह एक नई पारी शुरू कर रही हैं, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं. लेकिन कांग्रेस ने प्रियंका को वायनाड से लड़वाकर एक बात साबित कर दी है कि कांग्रेस को हिंदुओं पर भरोसा नहीं है. अगर उन्हें हिंदुओं पर भरोसा होता, तो उन्हें कहीं और से चुनाव लड़ाया जाता.”इससे पहले कांग्रेस ने कल सोमवार को यह फैसला किया कि राहुल रायबरेली से सांसद बने रहेंगे जबकि वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे देंगे. वायनाड से राहुल ने लगातार दो बार जीत दर्ज की. उन्होंने 2019 में वायनाड से पहली बार आसानी से जीत हासिल की थी.

2019 में सक्रिय राजनीति में आईं प्रियंका

हालांकि तब वह परिवार के गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट से हार गए थे. इस महीने की शुरुआत में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में, राहुल ने वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ा. दोनों ही सीटों से उन्हें जीत मिली. लेकिन अब वह वायनाड सीट छोड़ रहे हैं.

दूसरी ओर, अमेठी, रायबरेली और वाराणसी समेत कई संसदीय सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद प्रियंका अब केरल के वायनाड से अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत करेंगी. केरल वो राज्य है, जहां पर कांग्रेस ने 2019 की तरह 2024 के लोकसभा चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया. प्रियंका 2019 में सक्रिय राजनीति में आ गई थीं और उन्हें तब जनवरी में महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया और फिर पूरे राज्य का प्रभारी महासचिव बना दिया गया.

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