मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : जिला मुख्यालय का हर्बल गार्डन पार्क, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औषधीय पौधों के लिए प्रसिद्ध था. अब पूरी तरह से अपने अस्तित्व को खो चुका है.इस गार्डन का निर्माण मनेंद्रगढ़ नगर पालिका लाखों रुपये खर्च कर किया गया था. लेकिन प्रशासन की लापरवाही और देखरेख की कमी के कारण आज यह पार्क वीरान और बर्बाद हो गया है.
2007 में बना था हर्बल गार्डन : 2007 में मनेंद्रगढ़ नगर पालिका द्वारा इस गार्डन का निर्माण किया गया था. हसदेव नदी के किनारे बना यह गार्डन प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर था. यहां सैकड़ों की संख्या में फलदार, फूलदार वृक्ष और औषधीय गुणों से युक्त जड़ी-बूटियां लगाई गई थीं. इस हर्बल गार्डन में आंवला, घृत कुमारी, चिरायता, सर्पगंधा जैसी महत्वपूर्ण औषधीय पौधे लगाए गए थे. इसके अलावा फलों में आम, अमरूद, मौसंबी, चीकू के पेड़ लगाए गए थे. लेकिन प्रशासन की अनदेखी और देखभाल की कमी के कारण ये सभी पौधे खत्म हो गए हैं.
असामाजिक तत्वों का अड्डा बना पार्क : इस गार्डन में पूर्व विधायक भैयालाल राजवाड़े, चंपा देवी पावले और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा वृक्षारोपण किया गया था। लेकिन वृक्षारोपण के बाद इन नेताओं ने इस पार्क की सुध नहीं ली, जिससे गार्डन की स्थिति और बिगड़ती चली गई.अब यह हर्बल गार्डन पार्क पूरी तरह से समाजविरोधी तत्वों का अड्डा बन चुका है.पहले जहां लोग मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए आते थे, लेकिन अब लोगों ने आना बंद कर दिया है. स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और सुरक्षा अभाव के कारण गार्डन की दुर्दशा हो चुकी है.
2007 से गार्डन में आ रहे हैं, लेकिन अब यह पूरी तरह से वीरान हो चुका है. लोगों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन इस गार्डन को पुनर्जीवित करेगा या फिर यह बदहाली के आंसू बहाता रहेगा- प्रमोद अग्रवाल,स्थानीय निवासी
लोगों ने बनाई दूरी, फिर भी निर्माण : वर्तमान में इस गार्डन में बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन इसमें भी अनियमितताएं देखी जा रही हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो पार्क पहले ही अपने अस्तित्व को खो चुका है, वहां लाखों रुपये खर्च करना केवल सरकारी धन का दुरुपयोग है.
मंदिर है गुलजार, गार्डन पड़ा वीरान : हर्बल गार्डन के पास स्थित पंचमुखी हनुमान एवं शनि देव का मंदिर, जहां मंगलवार और शनिवार को भारी संख्या में भक्त आते हैं, अब भी सक्रिय है. मंदिर के पुजारी दिलीप मिश्रा ने बताया कि मंदिर की मान्यता के चलते दूर-दूर से लोग यहां पूजा करने आते हैं. लेकिन गार्डन, जो कभी यहां के पर्यावरणीय सौंदर्य का केंद्र था, अब अपने अस्तित्व को खो चुका है.
कहीं इतिहास ना बन जाए हर्बल गार्डन : मनेंद्रगढ़ का यह हर्बल गार्डन पार्क, जो कभी पर्यावरण संरक्षण और औषधीय पौधों के लिए एक आदर्श था, अब प्रशासन की अनदेखी के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है. स्थानीय लोगों की उम्मीदें टूट चुकी हैं. अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस गार्डन को दोबारा जीवित कर पाएगा, या फिर यह पार्क हमेशा के लिए इतिहास बन जाएगा.