पश्चिमी एशिया का एक इस्लामिक मुल्क जहां महिलाओं की जिंदगी दिन ब दिन दुश्वार होती जा रही है, हुक्मरानों की जिद है कि वो जो तय करेंगे उसके मुताबिक ही महिलाओं को अपनी जिंदगी गुज़ारनी होगी. इस मुल्क में नियमों के खिलाफ जाने पर महिलाओं को अपनी जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
हम बात कर रहे हैं ईरान की. अभी हाल ही में सख्त ड्रेस कोड को लेकर, तेहरान की एक यूनिवर्सिटी में छात्रा के निर्वस्त्र होकर विरोध जताने का मामला सामने आया था. इस मामले ने एक बार फिर ईरान में महिलाओं की स्थिति को लेकर बहस छेड़ दी है.
फार्स प्रांत में छात्रा ने की खुदकुशी
लोग 2022 में महसा अमीनी की हत्या के मामले का जिक्र कर ईरान की मोरल पुलिसिंग और महिलाओं के खिलाफ सख्ती पर सवाल उठा रहे हैं. इस बीच ईरान के फार्स प्रांत से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक छात्रा ने खुदकुशी कर ली है.
इस छात्रा का जुर्म महज इतना था कि उसने नेल पॉलिश लगाई थी और बाल डाई (कलर) करवाए थे. ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी ईरान के फार्स प्रांत में टीनेजर छात्रा अयनाज करीमी ने खुदकुशी कर ली है. रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर स्कूल के प्रिंसिपल से मिली धमकियों और हिंसा की घटनाओं के बाद छात्रा ने सुसाइड कर लिया.
ईरान एजुकेटर्स के ट्रेड एसोसिएशन की कॉर्डिनेशन काउंसिल के मुताबिक, ‘छात्रा पर स्कूल के नियमों का पालन न करने को लेकर भारी दबाव था. खास तौर पर नेल पॉलिश लगाने और बाल कलर करवाने को लेकर.’
2022 का हिजाब विरोधी आंदोलन
ईरान में महिलाओं पर पहनावे को लेकर कड़ी पाबंदियां हैं. साल 2022 में ईरान में एक 22 साल की युवती महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. आरोप है कि पुलिस ने सही तरीके से हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को गिरफ्तार किया और बेरहमी से उनकी पिटाई की. चश्मदीदों के मुताबिक पुलिस ने महसा अमीनी का सिर पुलिस की गाड़ी में दे मारा था जिससे उन्हें गंभीर चोट आई. इस घटना के बाद ईरान में हिजाब के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए.
महिलाओं ने सिर से स्कार्फ हटाकर और कई जगहों पर उसे जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया था. महीनों चले इस आंदोलन में 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. इतने बड़े विरोध प्रदर्शन के बावजूद ईरान में महिलाओं की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है.