छत्तीसगढ़ में SI भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है।साथ ही कोर्ट ने कहा है कि, प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिला उम्मीदवारों को हटाया जाए। उनकी जगह वंचित पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लेकर मेरिट के आधार पर नियुक्ति आदेश जारी करें। इस प्रक्रिया को 45 दिन में पूरा करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।
इसके साथ ही कोर्ट ने एसआई, प्लाटून कमांडर, सूबेदार भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में सोमवार को हुई है।
यह था पूरा विवाद
उल्लेखनीय है कि, एसआई- प्लाटून कमांडर भर्ती के लिए प्रारंभिक एग्जाम लिया गया और मेरिट सूची जारी की गई थी। व्यापम ने मुख्य परीक्षा के पहले ही आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कैटेगरी वाइज सूची जारी कर दी गई थी। जिसके कारण जनरल कैटेगरी के बहुत से उम्मीदवारों का नाम सूची में नहीं आ सका। व्यावसयिक परीक्षा मंडल की ओर से जारी सूची को चुनौती देते हुए जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों ने अपने-अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। केस में उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी, अभिषेक सिन्हा सहित दूसरे वकील ने पैरवी की थी।
20 गुना उम्मीदवारों का नहीं हुआ चयन
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि, सूची में भर्ती नियमों का पालन नहीं किया गया और नियमों के खिलाफ प्रारंभिक सूची जारी की गई। इस वजह से याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। याचिका में यह भी बताया गया था कि, नियमानुसार प्रारंभिक सूची में खाली पदों के 20 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाना था। लेकिन, कैटेगरी वाइस प्रारंभिक सूची बनाई गई है, जिसका खामियाजा जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को भुगतना पड़ा और उन्हें मुख्य परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। नियम विरुद्ध होने के कारण इस सूची को निरस्त कर कर नए सिरे से मेरिट सूची जारी करने की मांग की गई है।
महिला आरक्षण में भी गड़बड़ी के लगे आरोप
याचिका की सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया था कि, छत्तीसगढ़ का मूल निवास प्रमाण पत्र रखने वाली महिला उम्मीदवारों को 30 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। प्लाटून कमांडर के 728 पदों को छोड़कर महिला अभ्यर्थी पात्र हैं। विज्ञापन के अनुसार 728 पदों का 30 प्रतिशत के हिसाब से 218 पद हो जाएंगे।ऐसे में नियम 6 के मुताबिक विज्ञापित खाली पदों की संख्या से 20 गुना अभ्यर्थियों पर मुख्य परीक्षा के लिए विचार किया जाना है। यानी 218 पदों पर मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या 4 हजार 368 होगी। लेकिन, मेरिट लिस्ट में 6 हजार 13 महिला उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। इसके चलते बड़ी संख्या में पुरुष उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए चयनित नहीं हो सके।