लखनऊ में एक दारोगा की मौत के बाद शव लेने के लिए उसकी दो पत्नियां आपस में भिड़ गईं. दोनों के बीच जमकर हंगामा हुआ, नौबत मारपीट तक पहुंच गई. मौके पर पहुंची गुडंबा थाने की पुलिस ने किसी तरह विवाद शांत कराया. आखिर में शव को दारोगा के पिता के सुपुर्द कर दिया गया. अंतिम संस्कार जौनपुर में किया गया.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दारोगा संजय पाठक ने दो शादियां की थीं. वह उरई में पोस्टेड थे और दूसरी पत्नी के साथ लखनऊ में रह रहे थे. पहली पत्नी उनके गृह जिले जौनपुर में ही रहती थी. उससे उन्हें तीन बेटियां और एक बेटा है. सोमवार रात दारोगा की अचानक तबीयत खराब हो गई. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पहली पत्नी चंद्रकुमारी ने दारोगा पति की मौत को संदिग्ध माना और परिवार समेत लखनऊ पहुंच गई. मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव लेने की बारी आई तो दूसरी पत्नी आराधना और चंद्रकुमारी में खींचतान शुरू हो गई. एक तरफ चंद्रकुमारी शव उन्हें सौंपने की मांग करने लगी. दूसरी तरफ आराधना भी शव पर हक जताने लगी. दोनों महिलाएं दारोगा के शव को लेकर आपस में भिड़ गईं.
बवाल बढ़ने पर स्थानीय पुलिस मौके पर आई. उसने बीच बचाव किया. बातचीत के बाद शव को मृतक के पिता को दे दिया गया. पिता शव लेकर जौनपुर के लिए निकल गए. उन्होंने ही दारोगा का अंतिम संस्कार किया.
उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दारोगा संजय पाठक की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. डॉक्टरों ने विसरा जांच के लिए नमूने सुरक्षित रख लिए हैं. गुडंबा पुलिस ने बताया कि दारोगा की तबीयत सोमवार रात अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया गया. जांच-पड़ताल की जा रही है.
वहीं, चंद्रकुमारी के बेटे ने आरोप लगाया कि पिता ने उनकी मां को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की थी. उसने दावा किया कि आराधना ने संपत्ति के लालच में पिता को स्लो प्वाइजन देकर मार डाला. जबकि, आराधना का कहना है कि संजय की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है. आराधना के दो बेटे हैं. 2016 में उसकी शादी दारोगा से हुई थी.