अमिलिया घाटी में मौत का हाईवे: हादसे के बाद भी प्रशासन बेखबर

सिंगरौली : जिले के अमिलिया घाटी में 14 फरवरी को हुए भीषण सड़क हादसे में कोल वाहन के चपेट में आने से दो युवकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद काफी बवाल हुआ था. इस घटना के बाद भी जिला प्रशासन एवं पुलिस अमला अमिलिया घाटी के चौड़ीकरण एवं अन्य सुधारो के लिए ठोस कदम नही उठाया हैं.

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गौरतलब है कि 14 फरवरी को अमिलिया घाटी में हाईवे के पलटने से चपेट में आये मोटरसाइकिल सवार सुहिरा एवं बधौरा गांव के दो युवकों की अकाल मौत हो गई थी. इस घटना के बाद गुस्साए स्थानीय ग्रामीणों ने गड़ाखाड़ एवं अमिलिया घाटी में चक्काजाम करते हुए महान एनर्जेन लिमिटेड के करीब आधा दर्जन शिफ्ट बस एवं तीन कोल हाईवा वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.

मौके पर पहुंचे बरगवां टीआई राकेश साहू समेत कई पुलिस कर्मियों की वेदम पिटाई कर दिए थे. इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. वही आगजनी की घटना के करीब 5 घंटे बाद पुलिस अधीक्षक पावर प्लांट पहुंचे थे. हालांकि तब तक में स्थित पुलिस के नियंत्रण में हो गई थी.

उक्त घटना के बाद जिले की पुलिस की जमकर किरकिरी भी शुरू होने लगी और आरोप है कि कहीं ना कहीं पुलिस एवं प्रशासन की लापरवाही के चलते अमिलिया घाटी में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इस हादसे को रोकने में प्रशासन कोई कारगर कदम नही उठाया जिससे प्रशासन अपनी नाकामी का सबूत देता रहा.

इधर घटना के दूसरे दिन बाद समीक्षा होने लगी की यदि अमिलिया घाटी का चौड़ीकरण हो गया होता तो शायद अब तक में आधा सैकड़ा लोगों की गई जान बच सकती थी. आरोप यह भी है कि घाटी के चौड़ीकरण करने के लिए प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. जबकि यहां बताते चले की करीब 7 वर्ष पूर्व में एसार पावर बधौरा ने तत्कालीन कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के प्रयास से अमिलिया घाटी का चौड़ीकरण कार्य शुरू किया.

लेकिन ठेकेदार ने आधा अधूरा कार्य कर एस्सार पावर का बजट भी डकार लिया. इसके बाद से जितने भी कलेक्टर एवं एसपी आए किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और नतीजा हादसे पर हादसे होते रहे. उधर अमिलिया एवं गड़ाखाड़ अग्निकांड के दसवें दिन बाद नवभारत की टीम खुटार से लेकर सरई तक सड़क मार्ग का मुआयना किया.

इस दौरान अब तक स्थिति पूर्व की तरह यथावत है. सड़क का ना तो चौड़ीकरण कार्य हुआ और नहीं यातायात पुलिस के द्वारा कहीं भी डेंजर जोन में सावधानीपूर्वक वाहन चलाने का नया सूचना पटल भी लगवाया है. हालांकि पुलिस का अधिकारी दावा कर रहे हैं कि घटना के बाद से सड़क में सुधार तेजी से कार्य किया जा रहा हैं.

हवा-हवाई बातें कर रहे हैं. इतना जरूर है कि कोल वाहन को वन-वे कर दिया गया है। शेष अन्य कोई अभी तक घटना को रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाया गया हैं. फिलहाल अमिलिया घाटी एवं गड़ाखाड़ अग्निकांड के बाद भी जिले के प्रशासन की नींद नहीं टूटी हैं शायद अभी भी किसी बड़े हादसेे का इंतजार कर रहे हैं.

यातायात ने सूचना पटल को भी नही सुधारा

गड़ाखाड़ से सरई की ओर जाते वक्त अमिलिया घाटी के मध्य चढ़ाई पर यातायात पुलिस के द्वारा एक सूचना पटल वोर्ड लगाया था और उसमें उल्लेख किया था कि यहा खतरनाक ढलाई हैं. कृपया संभल कर चले। आलम यह हैं कि वोर्ड का पेन्ट उखड़ गया है. उक्त मार्ग के घाटी में कई हादसा होने के बावजूद यातायात पुलिस की भी नींद नही खुली. जबकि पुलिस के आलाधिकारी दावा करते हैं कि सड़क में सुधार तेजी से किया जा रहा है. शायद यह सब सुधार कागजो में ज्यादा हो रहा हैें.

कोल वाहन के लिए सड़क को वन-वे कर दिया गया हैं और अन्य बिन्दुओं पर तेजी से विचार किया जा रहा हैं. सड़क व घाटी का चौड़ीकरण लोनिवि करेगा. 
शिवकुमार वर्मा, एएसपी, सिंगरौली

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