हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री (PWD) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अभिनेत्री और बीजेपी नेता कंगना रनौत पर आरोप लगाया कि वह शरारत करती हैं, बिलों का भुगतान नहीं करती हैं और फिर सरकार को कोसती हैं. पीडब्ल्यूडी मंत्री की टिप्पणी से एक दिन पहले हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (HPSEB) ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि अभिनेत्री-राजनेता कंगना रनौत ने दो महीने के 90,384 रुपये के पुराने बकाए समेत बिलों का भुगतान नहीं किया है.
दरअसल, मंडी से बीजेपी सांसद रनौत ने हाल ही में अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश में बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर कांग्रेस सरकार की आलोचना की थी, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बीजेपी सांसद ने कहा, ‘मुझे मनाली में अपने घर के लिए एक महीने का एक लाख रुपये का बिजली बिल मिला. मैं वहां रहती भी नहीं हूं. ये बहुत दयनीय स्थिति है.’
‘मोहतरमा बड़ी शरारत करती है…’
कांगन के इसी बयान पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मोहतरमा बड़ी शरारत करती है, बिजली का बिल नहीं भरती है, फिर मंच पर सरकार को कोसती हैं, ऐसा कैसा चलेगा.’
वहीं, मंडी के सरकाघाट में एक सभा को संबोधित करते हुए कंगना ने विक्रमादित्य पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर विक्रमादित्य सिंह राजा बाबू हैं, तो मैं भी रानी हूं.’ उन्होंने कहा कि बिजली का बिल जो पहले 5,000 रुपये था, वह बढ़कर 80,000 रुपये हो गया है और उन्होंने सवाल किया कि क्या वह अपने घर में कोई कारखाना चला रही हैं.
सामान्य से 1500% ज्यादा है कनेक्टेड लोड: HPSEBL
इसके अलावा बुधवार को जारी एक बयान में HPSEB ने कहा कि 90,384 रुपये की राशि के बिल दो महीनों, जनवरी और फरवरी के लिए थे और इसमें 32,287 रुपये का पिछला बकाया भी शामिल था. घरेलू कनेक्शन संख्या 100000838073 के तहत कंगना रनौत के नाम पर मनाली के सिमसा गांव में उनके आवास पर पंजीकृत है.
HPSEBL ने बयान में कहा, ‘ये स्पष्ट किया जाता है कि उनके घर का कनेक्टेड लोड 94.82 किलोवाट है जो एक सामान्य घर के औसत बिजली लोड से 1,500 प्रतिशत ज्यादा है. उन्होंने (रनौत) अक्टूबर से दिसंबर तक के अपने बिलों का समय पर भुगतान नहीं किया.’
एमडी बिजली बोर्ड संदीप कुमार ने कहा, ‘बिजली बोर्ड ने प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि सभी विद्युत उपभोक्ता समय पर अपने बिजली बिलों का भुगतान करें जिससे विद्युत उपभोक्ता को इस कारण आने वाले बिजली बिलों को लेकर किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. समय पर बिजली बिलों के भुगतान से विद्युत उपभोक्ता और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों दोनों के समय में बचत होती है.’