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इंदौर में दिग्विजय सिंह के सराफा थाने आगमन पर हिंदू संगठनों ने चूड़ियां फेंकी, बाजार भगवा पोस्टर से सजा

इंदौर में सीतलामाता बाजार की दुकानों में सेल्समैन रखने को लेकर चल रही राजनीति के मामले में आज दिग्विजय सिंह सराफा थाने पहुंचे। इस दौरान हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने उन पर चूड़‍ियां फेंकी। विवाद की स्थिति को देखते हुए इलाके में पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है।

दिग्विजय सिंह के विरोध में सीतलामाता बाजार की दुकानें भगवा झंडों और बैनरों से पट गई दुकान संचालकों ने गले में केसरिया पट्टा पहन लिया है। व्यापारी एसोसिएशन का कहना है कि वे दिग्विजय सिंह का विरोध करेंगे। महिलाएं भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई हैं। वो चूड़‍ियां लेकर खड़ी थीं।

सीतलामाता बाजार के बहाने शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश

सीतलामाता बाजार की दुकानों से मुस्लिम सेल्समैन और भागीदारों को हटाने के विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ के फरमान पर राजनीति धीरे-धीरे गर्माने लगी है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता संभागायुक्त सुदाम खाड़े से मिले और पूरे प्रकरण पर प्रशासन की खामोशी पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने विधायक पुत्र पर एफआइआर दर्ज करने की मांग करते हुए चेतावनी दी। इस बीच बाजार में भी इस पूरे प्रकरण पर सरगर्मी तेज हो गई है।

दरअसल एक दिन पहले ही दस मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बात सामने आई। इस बीच कुछ हिंदू-मुस्लिम व्यापारियों ने साथ मिलकर इस मनमाने आदेश का विरोध भी कर दिया। मामले में 12 सितंबर को नईदुनिया में खबर प्रकाशित की गई थी। इसमें कहा था कि महिला वस्त्रों के सबसे बड़े सीतलामाता बाजार से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्देश एकलव्य गौड़ ने व्यापारियों को दिया है।

लव जिहाद की घटनाओं को रोकना इसका कारण बताया जा रहा है। इस बीच बाजार से कुछ व्यापारियों ने ऐसे कर्मचारियों को निकाल भी दिया। मुस्लिम समाज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और समाज के लोगों से इन बाजारों में खरीदी न करने का आह्वान कर दिया।

शुक्रवार शाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, पूर्व पार्षद दीपू यादव और अमित पटेल संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे। पटवारी ने संभागायुक्त खाड़े से कहा कि शहर का माहौल और व्यापार दोनों बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। आखिर क्यों एकलव्य गौड़ पर एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही? पटवारी ने संभागायुक्त से कहा कि गौड़ न कोई मंत्री है, न जनप्रतिनिधि है फिर वह किस हैसियत से व्यापारियों को आदेश दे रहा है।

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