चंदौली : पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और अन्य मांगों को लेकर लाल बहादुर शास्त्री जन्मस्थली सेवा न्यास के बैनर तले डीडीयू नगर स्थित सेंट्रल कॉलोनी में धरना शुरू हो गया है.यह धरना 11 जनवरी, शास्त्री जी की पुण्यतिथि तक जारी रहेगा.
संयोजक कृष्ण गुप्ता के नेतृत्व में सदस्यों ने चार मुख्य मांगों को प्राथमिकता दी है:
1. शास्त्री जी की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।
2. मुगलसराय जंक्शन (वर्तमान डीडीयू जंक्शन) का नाम लाल बहादुर शास्त्री जी के नाम पर रखा जाए.
3. दिव्यांगजनों के लिए ₹3000 मासिक पेंशन लागू की जाए.
4. रेलवे पावर हाउस परिसर में बंद पड़ी डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को सार्वजनिक स्थान पर स्थापित किया जाए.
संस्था के सदस्यों ने इस धरने को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने का संकल्प लिया है.संयोजक कृष्ण गुप्ता ने कहा कि शास्त्री जी की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना न केवल पूर्व प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बल्कि यह चंदौली और देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
इस आंदोलन में प्रमुख सदस्य शंकर चौहान, पवन शर्मा, सुजीत गुप्ता, सुरेश यादव (सभासद), अभिषेक नारायण, और दिनेश यादव सहित कई अन्य लोग शामिल हैं.इसके अलावा, दिव्यांगजनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. दिव्यांगजनों ने कहा कि ₹3000 मासिक पेंशन लागू करने की मांग उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी.
धरने में शामिल लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करें.उनका कहना है कि शास्त्री जी की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने और उनकी यादों को संरक्षित करने की पहल पूरे देश के लिए गर्व का विषय होगी.
धरना स्थल पर प्रतिदिन अधिक संख्या में लोग जुड़ रहे हैं और प्रशासन से सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद जता रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह आंदोलन न केवल एक व्यक्ति या संस्था का प्रयास है, बल्कि चंदौली जिले के साथ-साथ देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास है.
धरना 11 जनवरी को समाप्त होगा, जब शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृतियों को संजोने के लिए एक विशेष आयोजन किया जाएगा.