देश में लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान चल रहा है। वहीं 19 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के एक मात्र सीट बस्तर में मतदान हुआ था। जहां कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग हुई। इस बार बस्तर में एक खास बात रही। दरअसल चुनाव आयोग ने पहले चरण में बस्तर के 56 गांव में पहली बार बूथ लगाया था। और दूसरे चरण के मतदान में कांकेर के 46 गांव के लोगों ने पहली बार मतदान किया। यानि बस्तर संभाग के 102 गांव के लोगों ने पहली बार मतदान किया।
बता दें कि फेज-2 में बस्तर और कांकेर के 46 गांवों ने अपना वोट डाला। ऐसे में दोनों फेज को मिलाकर कुल 102 गांवों ने पहली बार लोकसभा चुनाव में वोटिंग की। चुनाव आयोग द्वारा ग्रामीणों की सुविधा के लिए इन संसदीय क्षेत्रों में पहली बार 102 नए मतदान केंद्र बनाए गए थे। आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार, आयोग ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGS), बुजुर्ग, युवा, पहली बार मतदाताओं, महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के बीच मतदान की सुविधा के लिए विशेष प्रयास किए थे।
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चुनाव आयोग ने प्रेस रिलीज करते हुए लिखा है कि दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के बस्तर और कांकेर संसदीय क्षेत्रों के 46 गांवों के मतदाताओं ने पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने गांव में स्थापित मतदान केंद्र पर वोट डाला। इस प्रकार, पहले चरण को मिलाकर कुल 102 नए मतदान केंद्र ग्रामीणों की सुविधा के लिए पहली बार इन संसदीय क्षेत्रों में स्थापित किए गए।
बस्तर ने रचा इतिहास
सुरक्षा बलों के छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में नक्सल विरोधी अभियानों में सबसे बड़ी सफलता के कुछ ही दिनों बाद, लाल आतंक के केंद्र बस्तर चांदामेटा गांव ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया। आजादी के बाद पहली बार यहां लोकसभा चुनाव हुए। कभी नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले इस गांव में लोकसभा के पहले चरण में 162 महिलाओं समेत 325 पंजीकृत मतदाताओं ने पहली बार लोकसभा उम्मीदवार चुनने के लिए मतदान किया। बता दें कि कि चांदामेटा में सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक शिविर स्थापित करने से निवासियों को अपनी सुरक्षा का भरोसा मिला। वे बिना किसी डर के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए घर से बाहर निकले।