खालिस्तान समर्थक और कनाडा के मशहूर नेता जगमीत सिंह को बड़ा झटका लगा है. कनाडा के आम चुनाव में जगमीत की एनडीपी पार्टी की करारी हार हुई है. जगमीत खुद भी चुनाव हार गए हैं. हार के बाद जगमीत ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है.
कनाडा के स्थानीय मीडिया के मुताबिक एनडीपी को पूरे चुनाव में सिर्फ 7 सीटों पर जीत मिली है. जगमीत खुद की सीट पर तीसरे नंबर पर पहुंच गए, जिसके बाद उनके राजनीतिक करियर खत्म होने की चर्चा भी शुरू हो गई.
शुरुआती नतीजे के बाद जगमीत ने कार्यकर्ताओं से बात की. जगमीत ने कहा- मैंने मूवमेंट को कमजोर नहीं पड़ने दिया, लेकिन जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया. मैं निराश जरूर हूं, लेकिन हारा नहीं. आगे कोशिश करूंगा. जगमीत ने भावुक होकर अपने इस्तीफे की घोषणा की. 2021 के चुनाव में जगमीत की पार्टी को 25 सीटों पर जीत मिली थी. जगमीत की पार्टी सरकार में किंगमेकर की भूमिका में थी.
जगमीत सिंह के बारे में जानिए
सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जगमीत सिंह की गिनती कनाडा के बड़े राजनेताओं में होती है. राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे. इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे.
जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है. भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है. जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया. कनाडा में सिख को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा है. यहां की सिखों की कुल 2.1 प्रतिशत आबादी है.
ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी
जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है. लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है. कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है. लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है. हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे. दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है. वहीं कंजरवेटिव पार्टी को करीब 145 सीटों पर जीत मिल रही है. कंजरवेटिव पार्टी फिर से सत्ता से दूर हो गई है.