छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने पिछले 10 सालों में 30 से ज्यादा मंदिरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह सिर्फ मंदिरों को ही निशाना बनाता था क्योंकि जेल में रहते हुए HIV संक्रमित होने के लिए वह भगवान को जिम्मेदार मानने लगा था।
आरोपी सागर उपाध्याय (परिवर्तित नाम) साल 2011-12 में मारपीट के केस में जेल गया था। वहीं उसकी रिपोर्ट HIV पॉजिटिव आई। इसके बाद उसने तय कर लिया कि वह सिर्फ मंदिरों से ही चोरी करेगा। आरोपी ने पुलिस को बताया कि हर वारदात से पहले वह मंदिर में जाकर मूर्तियों को प्रणाम करता, फिर ताले तोड़कर दान पेटी से नकदी चुरा लेता और जाते समय हाथ जोड़कर बाहर निकलता।
दुर्ग-भिलाई इलाके के नेवई, सुपेला, पद्मनाभपुर, भिलाई भट्ठी और भिलाई नगर थाना क्षेत्र में उसने अलग-अलग मंदिरों में चोरी की घटनाएं कीं। पुलिस ने बताया कि आरोपी सोना-चांदी या गहने नहीं चुराता था, सिर्फ नकदी ही लेता था ताकि आसानी से बच निकले। हाल ही में 23-24 अगस्त की रात नेवई थाना क्षेत्र के एक जैन मंदिर से चोरी हुई थी, जिसके बाद CCTV फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर उसे पकड़ा गया।
आरोपी के पास से पुलिस ने 1282 रुपए सिक्कों और एक स्कूटी को बरामद किया है। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि चोरी गए दानपात्र में करीब 60 हजार रुपए थे। आरोपी के खिलाफ पहले से ही चोरी के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि चोरी से पहले वह मंदिर की रेकी करता था और वारदात के बाद कपड़े बदलकर गलियों से निकल जाता, ताकि CCTV कैमरों में कैद न हो सके। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
यह मामला लोगों को चौंका देने वाला है क्योंकि आरोपी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाते हुए भी खुद को सही ठहराने की कोशिश करता रहा। पुलिस अब आरोपी के पुराने मामलों की भी जांच कर रही है।