3 गुना प्रॉफिट का झांसा…शिक्षक से 48 लाख ठगी:50 लाख में 100 बैंक-अकाउंट, 1000 में सिम खरीदे

बिलासपुर में आत्मानंद स्कूल के टीचर से 48 लाख की ठगी हुई है। इन्वेस्टमेंट साइट की आड़ में ठगों ने ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा दिया और निवेश किए गए रकम पर दो से तीन गुना प्रॉफिट दिखाया, जिसके बाद झांसे में आकर टीचर ने बड़ी रकम इन्वेस्ट कर दिया।

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शिकायत और खातों की जांच के बाद पुलिस ने महाराष्ट्र के ठाणे में तीन दिन तक संदिग्धों की रेकी की, जिसके बाद 3 अंतर्राज्यीय शातिर ठगों को पकड़ा। गिरोह के सदस्यों ने 99 दिन में 15 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया है। आरोपी 50 हजार रुपए में बैंक अकाउंट और यूपी, बिहार, बंगाल जैसे राज्य से 1000 रुपए में सिम खरीदते थे।

ठगी को अंजाम देने ऑनलाइन गेम, ट्रेडिंग, वर्क-फ्रॉम होम, रेटिंग रिव्यू, बीमा पॉलिसी, डिजिटल अरेस्ट जैसे कई तरीके अपनाते थे।

आत्मानंद स्कूल के टीचर को बनाया निशाना

एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि, मोपका निवासी सौरभ साहू बेमेतरा जिले के आत्मानंद स्कूल में टीचर हैं। दिसंबर में उनके पास वॉट्सऐप नंबर पर हेल्सबर्ग के एडवाइजर ज्योति कृष्णा और हरशद नाम के व्यक्ति ने ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के संबंध में मैसेज कर मोटी कमाई का झांसा दिया।

जिसके बाद शिक्षक ने हेल्सबर्ग नामक इंवेस्टमेंट साइट पर निवेश शुरू किया। शुरुआत में निवेश किए गए रकम पर दो से तीन गुना प्रॉफिट दिखाया गया, जिसके बाद टीचर झांसे में आकर 48 लाख 91 हजार रुपए इन्वेस्ट कर दिया।

शिक्षक ने जब रुपए मांगे तो उससे और रुपए मांगने लगे। ठगी का एहसास होने के बाद टीचर ने शिकायत दर्ज कराई।

तीन दिन तक रेकी फिर आरोपियों तक पहुंची पुलिस

शुरुआती जांच में बैंक खाते दूसरे राज्यों के मिले। एक-एक कर कड़ी सीधे महाराष्‍ट्र के ठाणे से जुड़ी। एसीसीयू की एक टीम महाराष्ट्र ठाणे पहुंची। यहां तीन दिनों तक लगातार संदिग्धों की रेकी की गई।

अपराध की पुष्टि के बाद तीनों को स्थानीय पुलिस की मदद से भिवंडी इलाके में रेड कर शाकिब अंसारी, मेराज मोहम्मद अकरम और अंसारी फैजुल अहमद को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया।

रिमांड पर आरोपी, गैंग की जानकारी जुटा रही पुलिस

पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को रिमांड पर रखा है। उनसे गिरोह के अन्य सदस्यों व ठगी की रकम के संबंध में पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों से पूछताछ में उनके गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी मिल सकती है।

ठगी करने अपनाते थे अलग-अलग तरीके

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी अन्य साथियों के साथ मिलकर ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट के मामलों में इंग्लिश में बात कर खुद को इंवेस्टमेंट कंपनी का एडवाइजर बताते। इसके बाद एग्रीमेंट कर उनका भरोसा जीतने के बाद ठगी को अंजाम देते थे।

कुरियर से मंगाते थे फर्जी सिम और बैंक पासबुक

गिरोह के ठग टेलीग्राम व बायनेंस ग्रुप के माध्यम से 50 हजार रुपए में एक बैंक खाता और 1 हजार रुपए में एक सिम कार्ड खरीदते थे। सिम और बैंक पासबुक एटीएम कुरियर के माध्यम से उन्हें भेजा जाता था। ठगी के लिए आसपास की दुकानों से पुराने मोबाइल खरीदते थे, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सके।

65 लाख में खरीदी जमीन और लाखों के जेवर

आरोपी शाकिब अंसारी ने ठगी की रकम से भिवंडी खंडुपारा में 65 लाख रुपए में जमीन खरीदी थी। इसकी जानकारी पुलिस को लगने पर राशि होल्ड कराने के लिए बैंक को पुलिस ने पत्र लिखा है।

उससे 11 मोबाइल, 12 सिम कार्ड, जमीन खरीदी एग्रीमेंट, सोने चांदी के जेवरों के बिल और कई बैंकों के पासबुक और एटीएम कार्ड मिले हैं। वहीं अंसारी मेराज, अंसारी फैजुल से एक मोबाइल, एक एटीएम कार्ड, चेकबुक जब्त किया गया है।

50 हजार में खरीदते थे बैंक अकाउंट

CSP निमितेष सिंह ने बताया कि आरोपी ठगी की रकम को मंगाने के लिए दूसरों के बैंक अकाउंट मंगाते थे। इसके लिए वे टेलीग्राम ग्रुप और बायनेंस ग्रुप से ओडिशा, झारखंड और बिहार के लोगों के नाम के बैंक अकाउंट खरीदते थे।

एक अकाउंट के लिए वे 50 हजार रुपए पेमेंट करते थे। इसी तरह एक मोबाइल सिम एक हजार रुपए में लेते थे। जालसाजों ने करीब 100 बैंक अकाउंट 50 लाख रुपए में खरीदा था। पुलिस इस पूरे गिरोह की जानकारी जुटा रही है।

99 दिन में किया 15 करोड़ से अधिक का लेनदेन

आरोपियों ने पिछले 99 दिन के भीतर 15 करोड़ से अधिक का लेनदेन किया है। इसका उपयोग उन्होंने क्रिप्टोकरंसी और यूएसटीडी खरीदने में किया है। पुलिस ने आरोपी युवकों को रिमांड पर लिया है। आरोपियों से पूछताछ में ठगी की बड़ी रकम मिलने की बात कही जा रही है। इस पूरे मामले की जानकारी अलग-अलग राज्यों की पुलिस को भी दी जाएगी।

 

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