देश में आम चुनाव चल रहा है प्रधानमंत्री मोदी हो या गृह मंत्री अमित शाह लगातार भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. इसी क्रम में गृह मंत्री अमित शाह बिहार की राजधानी पटना पहुंचे जहां उन्होंने दिवंगत भाजपा नेता एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के घर जाकर उनके परियोजनाओं से मुलाकात किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
गृह मंत्री अमित शाह कल बिहार के आरा लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आरके सिंह के लिए प्रचार करेंगे. भाजपा उम्मीदवार आरके सिंह तीसरी बार आरा लोकसभा सीट से अपने किस्मत को आजमा रहे हैं. 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें आरा की जनता ने अपना सांसद चुना था.
आरा लोकसभा सीट की बात करें तो यह वामपंथ का गढ़ रहा है। महागठबंधन के तरफ से CPIML ने सुदामा प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2019 के चुनाव में आरके सिंह को 5,66,480 वोट प्राप्त हुआ था तो वही उनके विरोधी और महागठबंधन के तरफ से भाकपा माले के प्रत्याशी राजू यादव को 4,19,195 वोट मिले थे. तब जीत का अंतर 13.6 प्रतिशत का था. लगातार दो बार से अपनी जीत से चर्चा में आए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और माले के तरारी विधानसभा विधायक सुदामा प्रसाद के बीच इस बार कांटे की टक्कर है.
अगर आरके सिंह यहां से जीते तो वे लगातार तीसरी बार जीत का रिकॉर्ड बनाएंगे, क्योंकि आरा से किसी ने लगातार तीन बार चुनकर संसद नहीं गया है. चंद्रदेव प्रसाद वर्मा यहां से एकमात्र सांसद हुए, जो 1977 और 1980 में लगातार दो बार जीते. इसके बाद 1996 में उन्हें जीत मिली।आरा में वोटों का समीकरण जातीय गोलंबदी में उलझा हुआ है. यदि जाति की बात करें तो यहां यादव, राजपूत-भूमिहार, मुस्लिम से लेकर ब्राह्मण और अत्यंत पिछड़ी जातियों की संख्या अधिक है. दलित वर्ग भी अच्छा खासा है। हर जाति का अपना-अपना महत्व है. जिन्हें कोई भी पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती है. इसमें अत्यंत पिछड़ी एवं दलित जातियों का वोट चुनाव में महत्वपूर्ण साबित होने वाला है.