गृहमंत्री बोले- 2047 तक होगी साइबर एक्सपर्ट की भर्ती, विपक्ष ने उठाए सवाल, जताया आभार

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में गहमा-गहमी देखने को मिला। इस दौरान प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम पर बीजेपी 5 विधायकों ने सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने मजाकिया अंदाज में कहा कि जब सब खत्म हो जाएगा तो 2047 तक साइबर क्राइम रोकने एक्सपर्ट की भर्ती कर लेंगे, कोई टेंशन नहीं है।

Advertisement

सदन में विधायक सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश में लगातार साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। हजारों लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं, लेकिन अब तक साइबर एक्सपर्ट्स की नियुक्ति नहीं हुई। लोग सुसाइड कर रहे हैं। स्थिति भयावह है।

इसके अलावा सदन में छत्तीसगढ़ में बिजली बिल में बढ़ोतरी के खिलाफ विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार्य किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने आभार जताया। सत्तापक्ष ने मेज थपथपाई। स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार्य होने के बाद भी विपक्ष ने नहीं किया हंगामा।

अब जानिए किसने क्या सवाल किया और क्या जवाब मिला ?

दरअसल, सुनील सोनी पूछा कि रायपुर में साइबर थाना होने का दावा है, लेकिन आम जनता को इसकी जानकारी नहीं है। एनसीआरबी और AI दोनों के आंकड़े 16,000 से ज्यादा साइबर अपराध दर्ज होने की पुष्टि करते हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

जवाब में गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि साइबर अपराध के 1301 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। एआई पर ज्यादा विश्वास नहीं करें। हम सही आंकड़े दे रहे हैं। साइबर थाने की बात नहीं, बल्कि साइबर सेल की बात हर जिले में हुई थी। एनसीआरबी का डेटा 2022 के बाद आया ही नहीं, फिर नई जानकारी कैसी आएगी?

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और गृहमंत्री विजय शर्मा के विभागों से जुड़े सवाल पूछे गए। इस दौरान पीएम आवास योजना, मनरेगा, बंद पड़ी जांच मशीनें और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को लेकर भी सवाल-जवाब हुए।

एआई पर ज्यादा विश्वास नहीं करें। हम सही आंकड़े दे रहे

सुनील सोनी के सवाल पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि साइबर अपराध के 1301 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। एआई पर ज्यादा विश्वास नहीं करें। हम सही आंकड़े दे रहे हैं। साइबर थाने की बात नहीं, बल्कि साइबर सेल की बात हर जिले में हुई थी। एनसीआरबी का डेटा 2022 के बाद आया ही नहीं, फिर नई जानकारी कैसी आएगी?

सुनील सोनी ने उठाया नया सवाल

सवाल: जनवरी 2024 से जून 2025 तक कितने ठगी के आरोपियों को जेल भेजा गया?

गृहमंत्री का जवाब: बैंक संबंधित ठगी में तीन प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें सात आरोपियों को जेल भेजा गया है।

इस पर गृहमंत्री का जवाब- पैसे की वापसी कोर्ट की प्रक्रिया से होकर गुजरती है। IG स्तर के अधिकारी की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है।

  • बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने गृहमंत्री विजय शर्मा से पूछा कि साइबर क्राइम रोकने कितने कमांडो तैयार किए गए हैं? नियुक्ति कितने की हुई? विशेषज्ञों की भर्ती कब होगी?
  • इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जब सब खत्म हो जाएगा तो 2027 तक भर्ती कर लेंगे, कोई टेंशन नहीं।

शेषराज हरवंश ने पूछा मेकाहारा में बंद पड़ी मशीनों पर सवाल

इस दौरान कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने मेकाहारा में बंद पड़ी जांच की मशीनों की मरम्मत का मुद्दा उठाया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल से पूछा कि मशीनों में से कई मशीन एक संख्या में थे, जो वर्षों से ऐसी ही पड़ी है। मशीनों की खरीदी क्यों नहीं हो रही और खरीदी की प्रक्रिया क्या है?

  • इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 161 मशीन स्थापित हैं, 50 मशीनें बंद हैं। अभी 70 करोड़ की खरीदी कर रहे हैं। 11 मशीनों का सुधार कार्य चल रहा है।
  • कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने पूछा कि कैंसर की जांच करने वाले मशीन क्यों नहीं है ?
  • इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वो जांच मशीन की श्रेणी में नहीं इलाज की श्रेणी में आता है। यह मशीन विदेश से आता है, लेकिन हम उस मशीन को चालू भी करेंगे।
  • विधायक शेषराज ने पूछा कि यह मशीन पिछले 9 साल पहले आपके ही कार्यकाल में खरीदी गई थी। 9 साल पहले खरीदी गई मशीन अभी तक चालू क्यों नहीं कर पाए हैं ?
  • स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में एक अच्छे सोच के साथ मशीन की खरीदी की गई थी, कुछ कारणों की वजह से अगर चालू नहीं कर पाए तो अभी करवा रहे हैं, लेकिन 5 साल आपकी भी सरकार थी।
  • वहीं बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मैंने पिछले 5 साल में भी यह कहा है और बार-बार की वह मशीन अगर चालू होगी तो उससे कई लोगों का इलाज किया जा सकता है। कोई अनियमितता होगी तो उसकी भी जांच करा सकते हैं।

वहीं मेकाहारा अस्पताल में बाउंसर वसीम बाबू ने मारपीट की थी इस पर कार्रवाई को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी ने आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसी स्थितियों का कोई स्थान नहीं है। ऐसा कोई मामला है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों पर विभागीय कार्रवाई और पुलिस कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस विधायकों ने लाया ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

किसानों को कृषि यंत्र वितरण में लागू चौम्प्स व्यवस्था में अनियमितता पर कांग्रेस विधायक इंद्र साव, द्वारिकाधीश यादव और चातुरी नंद ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया।

इस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने जबाव में कहा कि मामले की शिकायत पर 4 सदस्यीय जांच कमेटी जांच कर रही है। विभागीय जांच रिपोर्ट के बाद तकनीकी पहलुओं की जांच जारी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इस दौरान विपक्ष ने विभागीय प्राथमिक जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग की। इस पर मंत्री ने जबाव में बताया कि तकनीकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

अब जानिए 15 जुलाई को क्या-क्या हुआ ?

15 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान जल जीवन मिशन की प्रगति पर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस हुई। जल जीवन मिशन के सवाल पर जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

विपक्ष ने सरकार पर गलत आंकड़े पेश करने और योजना में गड़बड़ी के आरोप लगाए। वहीं सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सवाल पर डिप्टी सीएम और विभागीय मंत्री अरुण साव ने बताया कि 7 महीने में 10 लाख नल कनेक्शन दिए गए।

इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में सिर्फ 3 हजार 500 करोड़ जल जीवन मिशन योजना पर खर्च हुए। सिर्फ 57 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हुआ है। इसके जवाब में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि आपने समय पर काम किया होता तो ये हालात नहीं बनते, आपकी सरकार ने बगैर पानी के नल टोटी लगाए।

सबसे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधायक किरण सिंहदेव ने प्रश्नकाल में बस्तर संभाग में उद्योगों से मिले सीएसआर मद की राशि का मामला उठाया।

विस्तार से पढ़िए प्रश्नकाल में क्या-क्या हुआ…

किरण सिंहदेव- सीएसआर मद से 21 करोड़ की राशि की जानकारी आई है। इसमें 7 करोड़ 44 करोड़ की राशि किस मद में खर्च हुई? किन-किन कामों में खर्च हुई है?

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन- विस्तृत उत्तर दिया गया है कि किन-किन मदों में खर्च हुआ है।

किरण सिंहदेव- पिछले दो सालों में कोई राशि नहीं दी गई है, इस मद से कलेक्टर की ओर से बस्तर जिले में। मेरी ओर से अनुमोदित विकास कार्यों पर भी सहमति नहीं दी गई है। प्रावधानित राशि में भी कटौती की गई है।

उद्योग मंत्री- सदस्य का एक प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है, 17 काम स्वीकृत होना बाकी है, आगे और काम स्वीकृत करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत- सीएसआर मद का कितना प्रतिशत देना जरूरी है?

उद्योग मंत्री- तीन साल के अनुपात में 2 प्रतिशत की राशि आय का सीएसआर मद में खर्च किया जाता है।

डॉ चरणदास महंत- अभी सीएसआर मद में कितना दिया जा रहा है और भूपेश बघेल सरकार में कितना दिया जाता था, इसकी जांच करवा लें।

प्रश्नकाल में इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल जीवन मिशन का मामला उठाया।

भूपेश बघेल- साल 2022-23, 23-24 और 24-25 में कितनी राशि खर्च हुई? लक्ष्य के विरुद्ध कितने घरों में पानी पहुंच पाया? कई जिलों में कम राशि खर्च की गई। वहीं कई जिलों में दूसरे जिलों के मुकाबले बहुत कम घरों में पानी पहुंचा है।

विभागीय मंत्री अरुण साव- अब तक साल 2022-23 से 15 हजार 45 करोड़ मतलब 57 प्रतिशत राशि खर्च हुई है। 31 लाख 16 हजार 398 घरों में नल से पानी दे रहे हैं। 3 हजार 836 गांवों में पूरी तरह नल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। राशि का भुगतान काम के प्रोग्रेस के मुताबिक किया जाता है। इसलिए अलग-अलग जिलों में अलग-अलग स्थिति है। 49 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाना है। देरी से काम शुरू हुआ।

भूपेश बघेल- डबल इंजन की सरकार में सिर्फ 3 हजार 500 करोड़ रुपए योजना पर खर्च हुए। सिर्फ 57 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हुआ है।

अरुण साव- साल 2023 के आखिर तक 36 लाख परिवारों तक नल का कनेक्शन दिखाया गया, सिर्फ आंकड़े दिखाने के लिए ये किया गया। हमने जो वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि सिर्फ 21 लाख घरों में पानी जा रहा था, बाकी 15 लाख में सिर्फ नल लगाया गया था। आपने समय पर काम किया होता तो ये हालात नहीं बनते, आपकी सरकार ने बगैर पानी के नल टोटी लगाए।

भूपेश बघेल- 21 लाख घरों में हमने पानी दिया, अब तक 31 लाख घरों में पानी पहुंच रहा कह रहे हैं, मतलब करीब 2 साल में डबल इंजन की सरकार ने सिर्फ 10 लाख घरों में नल से पानी दिया। ये भी सही है या आंकड़ेबाजी है?

नल से पानी नहीं मिलने के मसले पर सदन में विपक्ष ने हंगामा कर दिया। पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। विपक्षी विधायकों ने आंकड़े को झूठा बताया। विधायकों ने कहा कि कई जिलों में पानी नहीं मिल रहा है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत- 20 महीने की सरकार में सिर्फ 7 प्रतिशत काम हुआ है, जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान करीब 74 प्रतिशत काम किया है। फिर ज्यादा काम किसने किया?

अरुण साव- हमने 10 लाख नल कनेक्शन पानी के साथ दिया।

भूपेश बघेल- 7 महीने में कितने नल कनेक्शन दिए और कितनी राशि खर्च की।

अरुण साव- 10 लाख नल कनेक्शन दिया।

विपक्ष के विधायकों ने गलत जानकारी देने की बात कही। इस दौरान विपक्ष और मंत्रियों के बीच बहस होने लगी। प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान हंगामे पर स्पीकर डॉ रमन ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को टोका।

विपक्ष के विधायकों का सदन से वॉकआउट

उन्होंने कहा कि आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें। प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है। पूरा देश छत्तीसगढ़ की कार्यवाही को देखता है। सदन की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना होगा। इसके बाद जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।

18 जुलाई तक चलेगा चलेगा मानसून सत्र

यह मानसून सत्र 18 जुलाई तक चलेगा। मानसून सत्र के पहले ही दिन 14 जुलाई को सत्ता पक्ष के विधायक के सवाल पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा घिर गए थे। मामला पटवारी से राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में अनियमितता से जुड़ा था।

भाजपा के विधायक राजेश मूणत ने सवाल पूछा कि अब तक इस मामले में एफआईआर क्यों नहीं कराई गई? इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि अभी ईओडब्ल्यू जांच कर रही है।

पहले दिन भी विपक्ष का वॉकआउट

इसी बीच विपक्ष ने भी वर्तमान सरकार का मुद्दा बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी। तब मंत्री ने कहा कि ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। अगले सत्र से पहले कार्रवाई हो जाएगी।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। इधर, भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में भर्ती में रोस्टर का पालन नहीं करने का मुद्दा उठाया।

इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि 10 विभागों में से 8 विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं। अभी जांच चल रही है।

Advertisements