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भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त की मेज़बानी कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं : गौतम अदाणी

अदाणी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने सोमवार को कहा कि वह भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन (British High Commissioner Lindy Cameron) की मेज़बानी कर खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य पर उच्चायुक्त कैमरन के विचार स्पष्ट और आकर्षक हैं.

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गौतम अदाणी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर किए एक पोस्ट में ब्रिटिश उच्चायुक्त के साथ हुई मुलाकात की जानकारी दी. अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, “हमेशा बदल रहे और विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य पर उनकी तीखी व व्यावहारिक राय आकर्षक है… उन्हें UK के प्रमुख विश्वविद्यालयों के लिए निर्धारित शेवनिंग-अदाणी AI छात्रवृत्ति पुरस्कार (Chevening-Adani AI scholarship) विजेताओं के दूसरे बैच के साथ जुड़ते देखना भी प्रेरणादायक है…”

गौतम अदाणी ने कहा, “अदाणी समूह इन होनहारों की मदद कर रोमांचित है, क्योंकि वे भारत और UK दोनों के लिए AI के उपयोग को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं…”

इसके पहले मई में अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कैमरन से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी थीं.

X पर किए पोस्ट में गौतम अदाणी ने कहा था, “इराक और अफ़गानिस्तान सहित दुनियाभर में उनके कार्यकाल के दौरान साइबर सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा के भविष्य और अन्य अनेक विषयों के बारे में जानना रोमांचक है…” उन्होंने कहा था, “हम भारत-ब्रिटेन संबंधों को बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं…”

एलेक्स एलिस के बाद भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त कैमरन देश में ब्रिटेन की पहली महिला दूत हैं.

अदाणी समूह भारत के आवेदकों के लिए पांच पुरस्कार प्रदान कर रहा है, जो प्रतिष्ठित UK द्वितीय श्रेणी के ऑनर्स डिग्री के बराबर शेवनिंग योग्य डिग्री का अध्ययन करना चाहते हैं.

समूह के अनुसार, “हम भारत में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, यानी AI और मशीन लर्निंग, यानी ML को बढ़ावा देना चाहते हैं… इन होनहारों की मदद करने से भारत में AI-ML ईकोसिस्टम के निर्माण और विकास में मदद मिलेगी…”

अदाणी समूह ने कहा, “हम उस क्रांति का नेतृत्व करना चाहते हैं, जो भारत को दुनिया के प्रौद्योगिकी केंद्र में बदल देगी… यह तभी संभव होगा, जब हम अगली पीढ़ी को विश्वस्तरीय शिक्षा दिलाने में मदद करेंगे और इसका उपयोग दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने में करेंगे…”

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