देवास। कुछ दिन पहले तक अच्छे कामों के लिए सराही जाने वाली देवास पुलिस इन दिनों आलोचना का शिकार है। आरोपों से घिरी है। कुछ पुलिसकर्मियों की मनमानी के चलते पुलिस को कोसा जा रहा। कुछ लोगों ने हुड़दंग किया, जिसे सबने गलत बताया लेकिन इसके बाद पुलिस ने जो किया, उसने शर्मसार कर दिया। एसपी के नवाचारों की तारीफ की, मगर कोतवाली थाना पुलिस की कार्रवाई को बर्बरतापूर्ण बताया। कुछ युवकों ने तो आरोप लगाए कि टीआई सहित पुलिस वालों ने मारपीट की। इधर, घटना के बाद मंगलवार को विधायक भी एसपी आफिस पहुंचीं और एसपी से घटनाक्रम को लेकर चर्चा की।
दरअसल, चैंपियंस ट्राफी जीतने के बाद भारत की जीत की खुशी में एबी रोड स्थित सयाजी गेट पर लोगों ने जश्न मनाया था। आतिशबाजी की।
इसी दौरान कुछ लोगों ने लापरवाहीपूर्वक पटाखे फोड़े और समझाइश देने पहुंचे कोतवाली टीआई अजय गुर्जर से अभद्रता की। उनके वाहन में तोड़फोड़ का प्रयास किया।
अगले दिन पुलिस ने कुछ युवकों को हिरासत में लिया। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए उनका मुंडन करवाकर जुलूस निकाला। इसके बाद पुलिस सवालों में घिरी।
यह सब चल ही रहा था कि पुलिसकर्मी ने एक व्यापारी अखिलेश यादव को पीट दिया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हुआ। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे और शिकायतें हुईं।
पूरे घटनाक्रम को लेकर एसपी पुनीत गेहलोद ने जांच के आदेश दिए हैं। एडिशनल एसपी जयवीरसिंह भदौरिया सभी घटनाओं की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए- विधायक
इस मामले में मंगलवार सुबह विधायक गायत्रीराजे पवार भी एसपी आफिस पहुंचीं। एसपी गेहलोद से चर्चा कर घटना की जानकारी ली। विधायक ने युवकों का मुंडन कर जुलूस निकालने के मामले को गलत बताया। विधायक ने कहा कि युवकों का कोई आपराधिक रिकार्ड या ऐसी पृष्ठभूमि नहीं हैं। इस तरह से मुंडन करके जुलूस नहीं निकालना था। पूरे मामले की हर पहलू पर जांच होनी चाहिए। पुलिस भी सुरक्षा के लिए ही है। वह भी अपना काम कर रही है, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
कोतवाली पुलिस ने की बर्बरता
घटनाक्रम के बाद आरोपित युवकों को पुलिस ने एसडीएम कोर्ट में पेश किया, जहां से जमानत पर रिहा किया। इसके बाद कुछ युवक स्वजनों के साथ एसपी आफिस पहुंचे। भाजपा नेता व नगर निगम में नेता सत्तापक्ष मनीष सेन, पार्षद शीतल गेहलोत, अर्जुन चौधरी, विशाल रघुवंशी, राजा अकोदिया आदि भी साथ थे। एसपी से चर्चा कर बताया कि किस तरह कोतवाली पुलिस ने अत्याचार किया। 9 मार्च की रात को भी पुलिस ने नावेल्टी चौराहा स्थित चाय, गन्ने के ज्यूस आदि की दुकान लगाने वालों को पकड़ लिया था। उस दिन भी मैं गया था और पुलिस कार्रवाई का विरोध किया था। जो लोग गलत हैं, उन पर कार्रवाई का विरोध नहीं है लेकिन निर्दोष लोगों को क्यों सजा दी जा रही।