सिंगरौली : जिले के सरई थाना क्षेत्र के शासकीय कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास में रहने वाली 8वीं कक्षा की छात्रा द्वारा बच्चे को जन्म दिये जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस की टीम छात्रावास की जांच करने पहुंची थी, लेकिन छात्रावास में पुराना सीसीटीवी फुटेज तक पुलिस को नहीं मिला. लिहाजा छात्रावास की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं.
वहीं चर्चा यह है कि छात्रावास में रहने वाली छात्राओं का नियमित रुप से मेडिकल चेकअप भी नहीं कराया जाता है. अगर छात्राओं का नियमित हेल्थ चेकअप होता तो नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने की जानकारी पहले लग जाती. वहीं बालिका से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती बनाने वाले आरोपी की पहचान के लिए पुलिस अब बालिका और उसकी कोख से जन्मे बालक का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है.सरई थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि बच्चे और उसकी मां का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जायेगा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल सरई क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 8वीं कक्षा की 15 वर्षीय आदिवासी बालिका कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी. बालिका ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में जब वह छुट्टी में छात्रावास से अपने घर ऑटो से जा रही थी, तभी ऑटो चालक ने उसे हवस का शिकार बनाया था. लोकलाज के डर से बालिका ने परिजनों और पुलिस को घटना के बारे में नहीं बताया. दो दिन पहले बालिका जब घर में थी तो उसके पेट में दर्द हुआ और परिजन उसे अस्पताल लेकर गये, जहां पर उसने एक बच्चे को जन्म दिया.
कुछ दिन पहले लगा है सीसीटीवी –
बताया जा रहा है कि बालिका छात्रावास में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा जरुर लगवाया गया है, लेकिन कैमरे इतने घटिया क्वालिटी के हैं कि कुछ दिन में ही बंद हो गये थे. पुलिस जब सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पहुंची तो उसे 8 माह पहले का फुटेज नहीं मिला बताया गया कि पहले कैमरा खराब हो गया था.