12.50 लाख में खरीदा मकान, रजिस्ट्री तक हो गई, लेकिन फिर भी थाने के चक्कर लगाने को मजबूर खरीदार

अमेरी स्थित मकान को मालिक बेचकर फरार हो गया। इससे पहले उसने मकान को बंधक रखकर बैंक से लोन लिया था। लोन की किस्त जमा नहीं होने पर बैंक की ओर से मकान में ताला लगा दिया गया। इस तरह खरीदार महिला बेघर हो गई। अब उसने घटना की शिकायत थाने में की है। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है। अब महिला न्याय की आस में थाने के चक्कर लगा

महिला ने दर्ज कराई धोखाधड़ी की शिकायत

कोतवाली क्षेत्र के गोंडपारा में रहने वाली हेमलता यादव (25) ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। महिला ने बताया कि उसने ग्राम अमेरी स्थित मकान को प्रकाश दास से 12.50 लाख रुपये में खरीदा था। दोनों के बीच 19 जून 2024 को इकरारनामा बना और 18 जून को रजिस्ट्री भी करवा ली गई। सौदे की रकम हेमलता ने चेक, फोन-पे और नकद के माध्यम से भुगतान की थी।इसके बाद वह अपने परिवार सहित उक्त मकान में रहने लगी। इसके कुछ दिनों बाद गृहम होम फायनेंस के कर्मचारी मकान पर पहुंचे और मकान खाली कराने की बात कही। पूछताछ में सामने आया कि यह मकान त्रिवेणी ओगरे और उसके बेटे मनोज ओगरे के नाम पर वर्ष 2019 में बंधक रखा गया था और वर्ष 2022 से लोन की किस्तें बंद हो गई थीं।

बैंक ने शुरू की मकान को नीलाम करने की प्रक्रिया

अब बैंक की ओर से मकान नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके बाद जब हेमलता ने प्रकाश दास से संपर्क किया, तो उसने बहानेबाजी करते हुए टालमटोल करने लगा। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपित ने बैंक बंधक होने की बात को छुपाया था। इसके कारण महिला बेघर हो गई है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपित की तलाश की जा रहीहै।

 

 

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