महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग कैसे है?

दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है. अगर समय पर पहचान हो जाए और इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, लेकिन अगर थोड़ी सी भी देरी हो जाए, तो जान मुश्किल में फंस सकती है. आमतौर पर छाती में तेज दर्द, बायीं ओर दर्द या सांस लेने में तकलीफ ऐसे लक्षण होते हैं, जिन्हें हार्ट अटैक के प्राथमिक संकेत माना जा सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्सर महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से काफी अलग और हल्के होते हैं. महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर हल्के, अस्पष्ट और अलग तरह के होते हैं. जिन्हें कई बार महिलाएं कमजोरी, थकान या गैस की समस्या मानकर अनदेखा कर देती हैं. आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कौन-कौन से हैं.

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

बहुत ज्यादा थकान

बिना ज्यादा काम किए थकान होना महिलाओं में हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है. यह थकान कई दिनों या हफ्तों तक भी रह सकती है और आराम करने के बाद भी दूर नहीं होती.

पीठ, गर्दन, जबड़े या कंधे में दर्द

अक्सर महिलाओं की पीठ के ऊपरी हिस्से, गर्दन, जबड़े या कंधे में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है. ये दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है.

पेट में दर्द

कई महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान पेट में दर्द, जलन या भारीपन महसूस हो सकता है. जिसे अक्सर वो एसिडिटी या गैस की समस्या समझकर अनदेखा कर देती हैं और समय पर इलाज नहीं होने से समस्या गंभीर हो सकती है.

सांस लेने में तकलीफ

कई बार हार्ट अटैक के समय महिलाओं की सांस फूलती है या सांस लेने में मुश्किल होती है. भले ही वे कोई भारी काम न कर रही हों.

उल्टी और चक्कर आना

महिलाओं में उल्टी, सिर घूमना या चक्कर आना भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं.

नींद ना आना और बेचैनी

हार्ट अटैक के कुछ दिन या हफ्ते पहले महिलाओं को नींद न आना, बेचैनी या घबराहट जैसी समस्या भी हो सकती है.

पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण

छाती में तेज दर्द या दबाव.

सांस लेने में मुश्किल.

अचानक पसीना आना.

चक्कर आना या बेहोशी.

महिलाओं में क्यों अलग होते हैं लक्षण?

महिलाओं की धमनियों के ब्लॉक होने का तरीका, हार्मोनल बदलाव और शरीर की संरचना अलग होती है.

महिलाओं में अक्सर छोटी धमनियों में ब्लॉकेज होता है, जिससे छाती में तेज दर्द नहीं होता.

महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा अधिक क्यों?

मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों के बराबर या अधिक हो जाता है.

हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, तनाव, और जीवनशैली मे संबंधित वजहें महिलाओं में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देते हैं.

महिलाओं में लक्षण हल्के और अस्पष्ट होते हैं, जिससे अक्सर इलाज में देरी हो जाती है.

कैसे करें बचाव?

महिलाओं को अपने शरीर के संकेतों को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

जरूरत पड़ने पर ईसीजी, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच करवाएं.

संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, तनाव कम करें और धूम्रपान से बचें.

शरीर में कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

Advertisements
Advertisement